आखिर क्यों नहीं आती नींद रात में

आखिर क्यों नहीं आती नींद रात में

आखिर क्यों नहीं आती नींद रात में, जब आप तनावग्रस्त होते हैं या आप खुद को बहुत लो एनर्जी में फील करते हैं तो भी आपको रात में नींद नहीं आती या आपकी नींद अक्सर टूटती है ऐसे में आइए जानते हैं क्या करें

आखिर क्यों नहीं आती नींद रात में, क्या करें कि नींद समय पर आये? 

सोने से पहले जनरल लिखें या प्रतिबिंब में खुद से बात करें

रात को सोने से पहले जनरल लिखकर सोने की आदत डालें। आपने दिन भर में जो भी किया उसे प्रतिबिंब या डायरी में व्यक्त कर सोने की आदत डालें।

सोने से पहले करें अपना बिस्तर साफ 

सोने से पहले अपना बिस्तर साफ करके सोए। अपनी चादर अच्छी तरह से झटक कर सोने से साफ सुथरे माहौल में आपको अच्छी नींद आएगी।

डिजिटल अप्लायंसेज से बनाएं दूरी 

सोने से 1 घंटे पहले ही टीवी, मोबाइल, लैपटॉप देखना बंद कर दे। अपने बिस्तर के पास मोबाइल और लैपटॉप ना रखें। इससे हानिकारक वाइब्रेशन निकलती है जो कि आपकी नींद में दखल डालती हैं।

ढीले और आरामदायक कपड़े पहनकर सोये 

रात को सोने से पहले एक बार अपने हाथ पैर अच्छे से धोएं। रात को सोने से पहले अपने कपड़े बदलकर ढीले और आरामदायक कपड़े पहनकर सोये। कोशिश करें कि सूती कपड़े पहने ताकि आपको आरामदायक नींद आ सके। 

अगर आपकी नींद बार-बार टूटती है तो क्या करें?

अगर आपकी नींद बार-बार टूट जाती है तो यह आपको आंखों के नीचे डार्क सर्कल, थकान, बेचैनी और तनाव दे देती है। अक्सर इसकी वजह हमारा बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल होता है हम लोग रात को देर तक जागते हैं और सुबह देर से सो कर उठते हैं जिसके कारण हमारा बॉडी क्लॉक बिगड़ने लगता है। और फिर हमारी नींद डिस्टर्ब होने लगती है और बाद में यह गंभीर समस्याओं को जन्म दे देती है।

रात में सोने से पहले करें कुछ व्यायाम 

अच्छी नींद के लिए रात में सोने से पहले कुछ व्यायाम करके सोना आवश्यक है। इन्हीं में से एक है बालासन,अच्छी नींद के लिए विपरीत करनी आसन भी काफी मददगार साबित होता है। इसके अतिरिक्त सुप्त मत्स्येन्द्रासन और सुप्त बद्धकोणासन करके भी आपको नींद अच्छी आती है।

बालासन

बालासन करने के लिए हमें वज्रासन में बैठकर दोनों पैरों की अंगूठों को आपस में मिलाकर एड़ी पर बैठना होता है। हाथों को धीरे-धीरे आगे की तरफ फैलाना होता है और इसके बाद माथे को जमीन से लगाना होता है जिससे हमारा मन शांत होता है तनाव कम होता है। पीठ की मांसपेशियाँ रिलैक्स होती है। हमारा ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित होता है।

विपरीत करनी आसन

आप इसे आसानी से कर सकते हैं। यह आसन भी आपको अच्छी नींद लाने में मदद करता है। विपरीत करनी आसन करने के लिए आपको अपने पैरों को दीवार से सीधा टिकाना होता है। आपको पीठ के बल लेट कर धीरे-धीरे अपने पैरों को दीवार से सीधा टिका कर रखना होता है। इससे आपके शरीर में,आपके पैरों में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है। आपकी पैरों की मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं। आपके पैरों की सूजन और थकान दूर होकर कमर दर्द में भी आराम मिलता है। 

सुप्त मत्स्येन्द्रासन

 सुप्त मत्स्येन्द्रासन के लिए आपको पीठ के बल लेट कर अपने पैरों को बाएं तरफ और सिर को दाएं तरफ मोड़ना होता है। दूसरी बार अपने सिर को बाई तरफ और पैरों को दाएं तरफ मोड़ना होता है। इस प्रक्रिया को करने से आपका डाइजेशन इंप्रूव होता है आपकी रीढ़ की हड्डी का तनाव दूर होता है।

सुप्त बद्धकोणासन

 सुप्त बद्धकोणासन के लिए आपको लेटी अवस्था में तितली आसन करना होता है। पीठ के बल लेटकर, पैरों के तलवों को आपस में मिलाते हुए घुटनों को जमीन से छूना होता है। इस आसन को करने से आपकी मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है। आपकी पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती हैं।

शवासन

 सारे आसन करने के बाद शवासन अवश्य करना चाहिए। इससे आपकी सांसों की गति नियंत्रित होती है।आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और आपको रिलैक्सेशन महसूस होने के कारण अच्छी नींद आती है।ये सारे आसन करने के बाद शवासन अवश्य करना चाहिए इससे आपको अपने शरीर को आराम देने में मदद मिलती है।

सोने से पहले करें 5 मिनट का ध्यान

सोने से पहले 5 मिनट अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। अगर आप कर सकते हैं तो भ्रामरी और अनुलोम विलोम प्राणायाम करके सोए। यह दोनों प्राणायाम आपके मस्तिष्क को शांत करते हैं जिसके कारण आप तनाव मुक्त होते हैं और आसानी से नींद आ जाती है। 

 

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