Tuesday, July 1, 2025
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सोशल डिटॉक्सिफिकेशन जीवन जीने की कला

 हम सब अब सोशल मीडिया के यूज टू हो चुके हैं बिना सोशल मीडिया के हमारे जीवन के दैनिक कार्यक्रम भी पूरा होना मुश्किल हैं। हम अपने फोन से योगा करना, खाना बनाना, डांस करना सिखते हैं। दोस्तों से भी हमारी बातें व्हाट्सएप्प और इंस्टाग्राम के जरिए ही होती हैं। ऐसे में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया हमारे समय और हमारी ऊर्जा को खा रहा है।

हम घंटों सोशल मीडिया पर एक रील से दूसरी रील देखने में बिता देते हैं और फिर हमारे पास कुछ ऐसा भी नहीं होता जो कि हम कह सके कि हमने सार्थक काम किया है। तो कैसे हम सोशल मीडिया को अपने जीवन से दूर तो नहीं कर सकते लेकिन कुछ रूल्स के द्वारा सोशल मीडिया को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित तो कर ही सकते हैं तो आईए जानते हैं कैसे हम करें सोशल मीडिया डिटॉक्सिफिकेशन 

क्या है सोशल डिटॉक्सिफिकेशन ?

सोशल मीडिया डिटॉक्सिफिकेशन का मतलब है कि कुछ समय के लिए सोशल मीडिया को बंद कर देना या कम कर देना। इस प्रक्रिया के द्वारा हम अपनी मानसिक स्वास्थ्य के लिए सोशल मीडिया से एक अंतराल के लिए दूरी बनाते हैं। 

क्यों आवश्यक है सोशल मीडिया डिटॉक्सिफिकेशन ?

सोशल मीडिया का लगातार प्रयोग हमें इसका एडिक्ट बन सकता है। हमारी आंखें कमजोर हो सकती है और सोशल मीडिया पर आती लगातार रीलें, खबरें हमारे टाइम स्पान को भी कम करती हैं। हम किसी भी काम पर लंबे समय तक ध्यान एकाग्रचित नहीं कर पाते हैं। सोशल मीडिया हमें अवसाद और तनाव भी देता है अगर हमारा काम समय पर पूरा नहीं हो पता है तो हमें डिप्रेशन होती है हम स्ट्रेस महसूस करते हैं। 

सोशल मीडिया कम करता है हमारे काम की उत्पादकता को 

अगर हम सब मिनट मिनट पर अपने फोन की स्क्रीन स्क्रोल करते रहते हैं तो हमारे काम के उत्पादकता पर भी फर्क पड़ता है। हमारा काम सही समय पर और अच्छे से पूरा नहीं होता है। 

सोशल मीडिया के लगातार इस्तेमाल से नींद होती है बाधित 

अगर हम लगातार सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं तो ब्लू स्क्रीन का असर हमारी आंखों पर पड़ता है हमारी नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है। 

सोशल मीडिया से बर्बाद होता है हमारा समय 

सोशल मीडिया के लगातार प्रयोग से हमारे मिनट कब घंटों में बदल जाते हैं हमें पता ही नहीं चलता ऐसे में हमारा जरूरी समय सोशल मीडिया की भेंट चढ़ जाता है। 

सोशल मीडिया से हम प्रभावित होने लगते हैं दूसरों से 

सोशल मीडिया में दूसरे लोग सब कुछ अच्छा ही डालते हैं। कोई भी अपने जीवन की नकारात्मकता सोशल मीडिया पर नहीं डालता। ऐसे में हम लोगों के अच्छे कपड़े, उनके ट्रिप उनके खाने को देखकर खुद की तुलना उनसे करने लगते हैं। 

कैसे करें सोशल मीडिया डिटॉक्सिफिकेशन की शुरुआत ?

अलार्म घड़ी का करें प्रयोग 

सोशल मीडिया का कम से कम प्रयोग करने के लिए अपने फोन को अलार्म घड़ी की जगह इस्तेमाल करने के बजाय एक अलार्म घड़ी का ही प्रयोग करें क्योंकि अगर आप अपने फोन को बार-बार अलार्म की तरह यूज करेंगे तो आप डिस्ट्रैक्ट होंगे। 

सोशल मीडिया से बनाए दूरी शामिल हो खेलकूद, दोस्तों से गेट टूगेदर में 

सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपने दोस्तों से मिलें। खेलें, व्यायाम करें परिवार के साथ समय बिताए किताबें पड़ें कुछ भी ऐसा करें जो आपको पसंद हो और जिसमें सोशल मीडिया इंक्लूड ना होता हो। 

सोशल मीडिया के लिए करें समय निर्धारित 

आप कुछ घंटे के लिए ही सोशल मीडिया चलाएं या ऐसा भी कर सकते हैं कि कुछ घंटे या कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना ले। 

सोशल मीडिया एप्स को करें अनइंस्टॉल

वह ऐप जो आपका ज्यादा से ज्यादा समय ऊर्जा लेते हैं उनको अपने फोन से अनइनस्टॉल कर दे। 

सोशल डिटॉक्सिफिकेशन के फायदे 

जब आप सोशल मीडिया से दूरी बनाएंगे तो आपको अच्छी नींद आएगी। आपकी उत्पादकता में वृद्धि होगी आपका स्ट्रेस कम होगा। आपका ध्यान आपके कामों के प्रति ज्यादा लगेगा आप एकाग्रचित महसूस करेंगे। आप अपने शौक के लिए भी समय निकाल पाएंगे।

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