जब आप खुद से प्यार करना सीख जाएंगे। आप खुद के सबसे अच्छे दोस्त बन जाएंगे तब आपके चारों तरफ होगी खुशियों की रोशनी। सेल्फ लव आवश्यक है हम सबके लिए अगर हम प्यार करना चाहते हैं दूसरों को तो भी
क्या है आत्म प्रेम
अलग-अलग लोगों के लिए सेल्फ लव के मायने भी अलग-अलग है हम यहां आत्म प्रेम के रूप में बात कर रहे हैं। खुद को वैल्यू देना, अपनी रिस्पेक्ट करना अपने आत्मसम्मान, आत्मविश्वास को बनाए रखना और अपने वजूद, अपनी पहचान को बनाए रखना। आत्म प्रेम के मायने हैं कि आप खुद के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप दूसरों के साथ करते हैं।जैसा आप अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ करते हैं जब आप मुश्किल में हो तो अपने लिए खड़े हो।
आत्म प्रेम का अर्थ है अपनी आलोचना, पछतावे शर्म या अपराध बोझ से बचें
हम सभी दूसरों को तो प्यार करते हैं लेकिन अक्सर दूसरों को खुश करने के लिए अपनी कमियां निकालते हैं। अपनी आलोचना करते हैं अगर कुछ हमारे मनमुताबिक नहीं हुआ तो हम पछताते रहते हैं कुछ गलत हो जाता है तो हम शर्मिंदा होते हैं। अपराध बोध से ग्रसित होते रहते हैं। लेकिन अगर हमारे किसी दोस्त के साथ ऐसी परिस्थितियों आती है तब हम उसके सपोर्ट सिस्टम बनाकर उसके साथ खड़े होते हैं और उसे परिस्थितियों से लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं
तो बस आपको खुद के लिए भी ऐसा ही करना है। विपरीत परिस्थितियों में हतोत्साहित नहीं होना है बल्कि ऐसी भावनाएं जिनसे आप हारा हुआ महसूस करते हैं उनके सामने शांति से खड़े रहना है। कुछ समय बाद आप देखेंगे कि कठिन समय भी बीत जाएगा आपको खुद को परेशान नहीं करना है उन लोगों के लिए, उन परिस्थितियों के लिए जिन्हें आप बदल ही नहीं सकते।मनोवैज्ञानिकों का कहना है आत्म प्रेम का अर्थ है अपनी आलोचना को दयालुता, सकारत्मकता में में बदलना खुद को प्रेम करना। आप जैसे भी है उस हर परिस्थिति में खुद के साथ खड़े होना।
खुद से प्यार करना कैसे सीखे
खुद को प्यार करना भी आपको खुद ही सिखना होगा। सबसे पहले खुद को महसूस करें जैसे आपके साथ अच्छा होता है वैसे ही बुरा भी होगा तो संतुलन बनाए रखें। अगर आप दुखी है तो शांत होकर एक जगह बैठे मन को शांत करें अगर आप नाराज है तो फिर अपनी नाराजगी को स्वीकार करें और जब आप फिर शांत हो जाए तो अपने काम में जुट ट जाए लेकिन अपनी किसी भावना को दबायें नहीं। न हीं खुद पर अपने गुस्से को निकालें । खुद हर चीज का त्याग करने की आदत ना डालें।
अपना खुद का मूल्यांकन करें कि आपको अपने लिए क्या चाहिए। आप हर दिन अपने लिए एक नया टास्क कर सकते हैं अगर आपको लोगों के साथ रहना पसंद है तो लोगों के साथ रहिए। अगर आपको अकेले रहना पसंद है तो बस शांति से कमरे में एक अच्छी किताब के साथ खो जाइए। अगर आप थके हुए हैं तो आराम कीजिए जरुरी नहीं की आपको तीन टाइम खाना बनाना ही हो अपने आप को थकायें नहीं यह आपके अंदर ही अंदर कमजोर करेगा।
खुद से पूछे कि मैं आज क्या करूं जिससे मैं खुश महसूस करूं। अगर आपको टहलना पसंद है तो टहलें डांस करना पसंद है तो डांस कीजिए। बस वह कीजिए जिसको करके आपको खुशी मिलती है। अपने आप से सवाल कीजिए कि मुझे और क्या चाहिए और यकीन मानिए अगर आपने खुद से प्यार करना नहीं सीखा तो आप नहीं जान पाएंगे कि आपको खुद क्या चाहिए कोई बात नहीं सोचिए,
अपने बच्चों से अपने पति अपने दोस्त किसी डॉक्टर से बात करके सोचिए कि आप अपने लिए क्या चाह सकते हैं। आप एक सूची बना सकते हैं और सच में यह ।झभ्,ध एक अच्छी शुरुआत होगी खुद से प्यार करने की।
स्वयं के प्रति आभारी होना सीखें
हम सबको थैंक्स बोलते हैं। सबको प्यार करते हैं पर कभी सोचिए क्या आपने कभी खुद को थैंक्स बोला है। कभी अपनी दोनों हाथों को, कभी अपनी आंखों को कभी अपने सुंदर चेहरे को कभी लगातार काम करने वाले शरीर को कभी थैंक्स बोला है। खुद को भी प्यार कीजिए खुद को भी धन्यवाद कहना सीखिए। जब आपको लगे कि नहीं होगा तो बस थोड़ी देर के लिए एक ठंडी सांस लीजिए खुद को प्यार कीजिए और कहिए थैंक यू तुम सब कर सकते हो
और देखिए आप सब करने लगेंगे आपसे सब कुछ हो जाएगा। क्योंकि दुनिया में कुछ भी ऐसा नहीं जो आप ना कर पाए ईश्वर ने अपने आप में आपको एक अनोखा आप बनाया है।