शुभांशु शुक्ला आज 18 दिन बादअंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर दोपहर 3 बजे Axiom 4 मिशन के तहत लौटेंगे। जानें क्यों है ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक।
शुभांशु शुक्ला, 18 दिन बाद अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर लौटेंगे दोपहर 3 बजे होगी वापसी
शुभांशु शुक्ला 18 दिनों से अंतरिक्ष की सैर पर निकले हुए हैं। अंतरिक्ष स्पेस सेंटर में शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन बिताए हैं। आज आज Axiom 4 शुंभाशु शुक्ला के साथ तीन यात्रियों को भी वापस लेकर आएगा। आज दोपहर 3:00 बजे शुंभाशु शुक्ला वापस पृथ्वी पर आ जाएंगे। शुभांशु शुक्ला आज 18 दिन बाद अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर आज दोपहर 3:00 बजे लौटने वाले हैं।
भारत के लिए यह ऐतिहासिक दिन है शुभांशु शुक्ला की यात्रा भारत के लिए एक नई ऊंचाई लेकर आई है।भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज दोपहर 3:00 बजे अंतरिक्ष की 18 दिन की यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौटेंगे। Axiom 4 मिशन के तहत वह स्पेस एक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेंगे।
शुभांशु शुक्ला समेत अन्य देशों के यात्री भी है शामिल
शुभांशु शुक्ला के साथ-साथ हंगरी का पोलैंड के अंतरिक्ष यात्रियों को भी Axiom 4 में अंतरिक्ष स्पेस सेंटर पर भेजा गया है।इस मिशन में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। चार दशकों के बाद इन देशों के किसी अंतरिक्ष यात्री ने मानवयुक्त मिशन में भाग लिया है। इस ऐतिहासिक मिशन का नेतृत्व अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन कर रही हैं।
कैसे आएंगे शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से पृथ्वी पर ?
- शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से पृथ्वी की वापसी की यात्रा की सारी तैयारियां हो चुकी है।
- सबसे पहले ड्रैगन कैप्सूल के ट्रंक को ड्रैगन कैप्सूल और ट्रंक से अलग किया जाएगा। ड्रैगन कैप्सूल और ट्रंक कोअलग-अलग किया जाएगा।
- ड्रैगन कैप्सूल और ट्रंक कोअलग करने के बाद Axiom 4 को वायुमंडल में प्रवेश कराने से पहले हीट शिल्ड को स्थापित किया जाएगा।
- इस प्रक्रिया के अंतर्गत Axiom 4 1600 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में आएगा।
- इस प्रक्रिया के बाद पैराशूट खोले जाएंगे और कैप्सूल पानी में स्प्लैश डाउन करेगा।
- शुभांशु शुक्ला शुरू कर चुके हैं अंतरिक्ष से पृथ्वी पर की अपनी वापसी यात्रा
शुभांशु शुक्ला कल शाम 4:30 बजे अंतरिक्ष स्पेस सेंटर से अपनी वापसी की यात्रा शुरू कर चुके हैं। स्पेस एक्स के ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट ग्रेस से यह यात्रा संपन्न हो रही है। 22 घंटे किसी यात्रा के बाद आज दोपहर 3:00 बजे शुभांशु शुक्ला वापस पृथ्वी पर अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैश डाउन करेंगे।
शुभांशु शुक्ला का मिशन: भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए गौरव का क्षण
यह पल भारत पोलैंड और हंगरी के लिए एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि चार दशकों के बाद इन देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने किसी मानव युक्त मिशन में अपनी भागीदारी दिखाई है इस मिशन का नेतृत्व अमेरिका के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और के कमांडर पेगी व्हिटसन कर रहे हैं।
शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया: क्या होगा 3 बजे से पहले
- स्पेस एक्स के ड्रैगन कैप्सूल और उसके ट्रंक को अलग किया जाएगा।
- फिर हीट शिल्ड लगाकर Axiom 4 को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कराया जाएगा।
- यह प्रक्रिया 1600°C तापमान पर पूरी होगी।
- इसके बाद पैराशूट्स खुलेंगे और कैप्सूल समुद्र में स्प्लैश डाउन करेगा।
पृथ्वी पर प्रवेश करते समय तेज सोनिक बूम की आवाज आएगी।
साथ आएंगे 260 किलो वैज्ञानिक उपकरण और डेटा
ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी पर करीब 580 पाउंड (लगभग 260 किलो) वैज्ञानिक डेटा और उपकरण लेकर आ रहा है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए अहम साबित होगा।
क्यों आएगी सोनिक बूम की आवाज
जब कोई अंतरिक्ष या वायुमंडल में उच्च गति से प्रवेश करता है तो एक तेज धमाका और तेज आवाज होती है जो की वायुमंडल में उच्च गति से प्रवेश करने पर उत्पन्न होती है।
सोनिक बूम क्या है?
जब कोई स्पेस कैप्सूल अत्यधिक गति से वायुमंडल में प्रवेश करता है, तब हवा में तीव्र घर्षण के कारण एक तेज धमाका (सोनिक बूम) सुनाई देता है। यह Axiom 4 के लौटने की पुष्टि होगी। शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर वापस धमाकों के के साथ प्रवेश करेंगे ।Axiom 4 जब चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर पृथ्वी पर प्रवेश करेगा तो एक तेज सोनिक बूम की आवाज आएगी एक बहुत तेज धमाका होगा जो की Axiom 4 के वापस पृथ्वी पर आने का एलान होगा।
इसरो ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के लिए किया है 550 करोड़ रुपए का भुगतान
इसरो ने शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस सेंटर की यात्रा के लिए लगभग 550 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। शुभांशु शुक्ला की एग्जाम फॉर स्पेस यात्रा के द्वारा भारत को आगामी गगनयान अंतरिक्ष यात्रा के लिए अनुभव मिलेगा 2 साल बाद ही भारत गगनयान मिशन के अंतर्गत धरती के ऑर्बिट में मानव मिशन भेजेगा।
क्यों विशेष है शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के लिए
- शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के लिए विशेष है क्योंकि शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय यात्री है जो उन्होंने अंतरिक्ष स्पेस सेंटर की यात्रा की है।
- शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद दूसरी अंतरिक्ष यात्री है जो कि अंतरिक्ष में प्रवेश कर रहे हैं।
- शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि भारत के लिए एक नया दृष्टिकोण स्थापित करेगी गगनयान के लिए यह एक नई भूमिका दिखाएंगी।
- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए शुभांशु शुक्ला का ही नाम सबसे पहले दिया जा रहा है।
- भारत और इसरो पहला मानव अंतरिक्ष चुनाव मिशन 2027 में लॉन्च करने के प्रयास में लगा हुआ है।
- भारत के प्रधानमंत्री मोदी 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष केंद्र बनाना चाहते हैं।
शुभांशु के मिशन पर गगनयान की राह टिकी है
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन गगनयान के लिए काफी अहम है 28 जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंकित स्पेस सेंटर से शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल पर बात भी कर चुके हैं केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से शुभांशु शुक्ला के लिए लिखा वेलकम बैक शुभांशु पूरा देश आपके घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
निष्कर्ष
आज दोपहर 3 बजे का वक्त भारत, इसरो और अंतरिक्ष विज्ञान प्रेमियों के लिए बेहद खास है। शुभांशु शुक्ला की वापसी एक नई शुरुआत है, जो भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने की ओर ले जाएगी।
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर पूरे विश्व के साथ-साथ भारत की आंखें टिकी हुई है। शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्रीहैं। भारत 2 साल बाद गगनयान मिशन शुरू करने वाला है जिसमें शुभांशु शुक्ला की विशेष भूमिका रहेगी। आज दोपहर 3:00 का हम सभी सांस रोककर इंतजार कर रहे हैं।