योग है सभी के लिए पार्ट 3 , हमने योगा डे पर एक सीरीज बनाई है जिसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लिए योगासन और प्राणायाम के विषय में बात की गई है। कल हमने बात की थी बुजुर्गों और थायराइड के पेशेंट के लिए योग प्राणायाम की आज हम आखिरी पार्ट में बात करेंगे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लिए योग ध्यान और प्राणायाम की
क्या है डायबिटीज क्या योग के माध्यम से हम डायबिटीज को रिवर्स कर सकते हैं?
डायबिटीज हमारी अनियमित दिनचर्या की एक प्रतिक्रिया है। दवाइयों से हम अपने डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन हम इसे समाप्त नहीं कर सकते। योग हमारी डायबिटीज को समाप्त करने में मददगार हो सकता है हम सभी जानते हैं कि दो तरह की डायबिटीज होती है। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन शरीर में बनता ही नहीं है और टाइप टू डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन तो बनता है लेकिन ठीक से काम नहीं कर पाता
तो टाईप 2 डायबिटीज में योग काफी प्रभावी होता है। टाइप 1 डायबिटीज में भी योग मददगार तो होता ही है। योग पेनक्रियाज को सक्रिय करता है जिसे इंसुलिन के स्राव का स्तर बढ़ता है। . योग आपकी शरीर की चर्बी घटाता है। तनाव को कम करता है जिससे कॉर्टिसोल हार्मोन नियंत्रित होता है। यह हार्मोन ही ब्लड शुगर बढ़ने वाला हार्मोन होता है। योग आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर आपके पाचन तंत्र को सुधारता है।
डायबिटीज के लिए कौन से आसन है बेहतर
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन करने से शरीर की खराब और रुकी हुई वायु रिलीज होती है। पाचन तंत्र सक्रिय होता है।
मंडूकासन
मंडूकासन करने से पेनक्रियाज एक्टिव होते हैं। इंसुलिन का स्राव बेहतर होता है।
धनुरासन
धनुरासन करने से पेनक्रियाज पर सीधा असर पड़ता है। रीढ़ व शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती है।
वक्रासन
वक्रासन आपके लीवर और पैंक्रियाज दोनों पर असर डालता है .जिसके कारण आपके शरीर के आंतरिक अंग सक्रिय होते हैं और अच्छी तरह से काम करते हैं।
भुजंगासन
भुजंगासन करने से शरीर लचीला होता है। तनाव मुक्त होता है पेनक्रियाज एक्टिव होते हैं।
डायबिटीज में लाभकारी प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम
डायबिटीज में कपालभाति प्राणायाम आपके मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है आपके शरीर से अनचाहा फैट दूर करता है शुगर को नियमित करता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम
मानसिक तनाव दूर करता है शरीर का संतुलन बढ़ाने में मददगार है।
भ्रामरी प्राणायाम
शरीर के हार्मोन के स्तर को सुधारता है, अच्छी नींद लाने में सहायक है।
मेडिटेशन
हम पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं सुरक्षित है इस अफरमेशन को बार-बार लगातार 2 से 5 मिनट तक दोहराना है साथ ही साथ ओम, महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र जो भी बीज मंत्र आपको अच्छा लगता है उसका पाठ किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल एक कैसी बीमारी है जो कि आपकी अनियमित दिनचर्या, असंतुलित भोजन बहुत तैलीय और मसाले वाले भोजन शारीरिक कार्यों को न करने के कारण होती है। जब ये सारी चीजें मिलाकर इकट्ठा हो जाती है तब हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी कि एलडीएल का स्तर बढ़ने लगता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल एलडीएल कम होने लगता है। कोलेस्ट्रॉल अपने साथ लेकर आता है कई सारी बीमारियां हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, मोटापा और स्ट्रोक ।
योग कोलेस्ट्रॉल को कैसे दूर करता है ?
योग करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। जो शरीर के जमा हुए फैट को बर्न करने का काम करता है पेट की चर्बी को गलाता है। योग करने से हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है हार्मोन संतुलित होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल दूर करने के लिए करें
सेतुबंध आसन
थायराइड और मेटाबॉलिक रेट को सुधारने में सेतुबंधासन बहुत उपयोगी है। यह शरीर को पूर्ण रूप से लचीला बनाता है सक्रिय बनाता है।
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन पेट में जमा गंदगी व गैस को दूर करने में मददगार होता है पाचन के स्तर को सुधारता है।
धनुरासन
धनुरासन पेट की चर्बी को दूर करता है। शरीर के सभी अंगों को सक्रिय हृदय को काम करने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार भी कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में काफी मददगार होता है। सूर्य नमस्कार करने से शरीर के सभी अंग सक्रिय होते हैं। ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है।
प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम
शरीर को सक्रिय करता है। डिटॉक्सिफिकेशन करता है। पेट साफ करने में मददगार है।
अनुलोम विलोम
नाड़ियों का शोधन करता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है मानसिक शांति प्रदान करता है।
भ्रामरी प्राणायाम
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है तनाव नियंत्रण में मददगार है अनिद्रा की स्थिति में मददगार है।
ध्यान व अफर्मेशन
5 मिनट का ध्यान और स्वयं के लिए सकारात्मक अफर्मेशन आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में काफी मददगार हो सकता है। आप अपने शरीर के लिए सकारात्मक अफर्मेशन मैं स्वस्थ हूं, मेरा दिल स्वस्थ है, मेरा रक्त स्वस्थ है। मन ही मन एक से 5 मिनट तक दोहरा सकते हैं।