योग है बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक सभी के लिए, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के लिए योग आवश्यक है आइए जानें क्यों आवश्यक है हर किसी के लिए योग
बच्चों के लिए योग क्यों जरूरी है?
बच्चों को अगर बचपन से ही योग करने की आदत पड़ जाए तो बच्चों का शरीर मजबूत और लचीला बनता है। उनका ध्यान और फोकस बढ़ता है। विद्या अध्ययन में योग सहायक होता है। योग करने से बच्चों का मन केंद्रित होकर ध्यान पढ़ाई में लगता है। बच्चों में भावनात्मक स्थिरता आती है। उनका गुस्सा दूर होता है और बच्चे आत्म संतुलित होते हैं। बच्चों को अच्छी नींद मिलती है उनका स्वभाव विनम्र होता है।
कौन से आसन बच्चे आराम से कर सकते हैं?
बच्चे कैट काऊ पोज, बटरफ्लाई पोज और कोबरा पोज आसानी से कर सकते हैं बच्चों के लिए ध्यान और डीप ब्रीदिंग की प्रैक्टिस आनंददायक होती है।
विद्यार्थियों के लिए योग के क्या फायदे हैं?
विद्यार्थियों के लिए योग एकाग्रता में वृद्धि करता है तनाव से राहत दिलाता है और मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है। विद्यार्थियों को योग अनुशासन सिखाता है सकारात्मकता सिखाता है और आत्मनिर्भरता भी विद्यार्थी योग से सीखते हैं। विद्यार्थी योग करने से ऊर्जावान महसूस करते हैं। विद्यार्थियों को मानसिक शांति मिलती है अच्छी नींद आती है।
कौन से आसान है विद्यार्थियों के लिए ?
विद्यार्थी वृक्षासन करके आत्मविश्वास और संतुलन सीखते हैं। ताड़ासन करने से उनकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है शारीरिक स्थिति संतुलित होती है। भुजंगासन करने से लगातार पढ़ने से होने वाले थकान से राहत मिलती है। पश्चिमोत्तानासन करने से ध्यान में सहायता प्राप्त होती है। बालासन करने से मानसिक और शारीरिक आराम मिलता है।
विद्यार्थियों के लिए कौन से प्राणायाम है बेहतर?
विद्यार्थियों के लिए मानसिक संतुलन और भावनात्मक नियंत्रण के लिए अनुलोम विलोम और मानसिक शांति और थकान से राहत दिलाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम सर्वोत्तम है। विद्यार्थी ध्यान की प्रैक्टिस से भावनाओं का संतुलन और धैर्य सीखते हैं।
टीनएज लड़कियों के लिए क्या भूमिका है योग की?
टीनएज में लड़कियों के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं इसी समय उनके पीरियड की शुरुआत होती है बच्ची से उनके बड़े होने की स्थिति ही टीनएज कहलाती है। इस समय उनकी त्वचा में मुंहासे होते हैं। उन्हें मूड स्विंग्स होते हैं और अपनी शारीरिक और आत्मिक परिवर्तनों को देखकर खुद ही वो असमंजस में पड़ती हैं। पढ़ाई और करियर में भी इसी समय फोकस करना होता है समाज के लिए भी बच्चियां एकदम से बड़ी हो जाती हैं।
ऐसे में जो टीनएज बच्चियां योग को अपना लेती है उनके लिए यह समय आसानी से निकल जाता है। योग करने से बच्चियों के हार्मोन संतुलित होते हैं। उनके आत्मविश्वास के वृद्धि होती है। वो खुद को तनाव मुक्त महसूस करती है उनके शरीर में लचीलापन बढ़ता है। उनका ध्यान एक ही जगह केंद्रित होता है और उनकी सोच स्पष्ट होती है।
टीनएज में कौन से आसन है उपयुक्त?
टीनएज में भद्रासन करने से शरीर लचीला होता है पीरियड की परेशानियां दूर होती हैं। सेतु बंधासन करने से थायराइड ग्रंथि संतुलित होती है आत्मविश्वास बढ़ता है। उष्ट्रासन करने से हॉरमोनल ग्रंथियां सक्रिय होती है बॉडी फ्लैक्सिबल होती है। मत्स्येन्द्रासन करने से पाचन बेहतर होता है। तनाव से मुक्ति मिलती है। वृक्षासन करने से संतुलन बढ़ता है फोकस बढ़ता है।
टीनएज बच्चों के लिए कौन सी प्राणायाम है बेहतर?
अनुलोम विलोम करने से मानसिक संतुलन और शांति प्राप्त होती है भ्रामरी प्राणायाम करने से चित्त शांत व संतुलित होता है। खुद को प्यार करने वाले शब्दों को बार-बार दोहरा कर मेडिटेशन करने से खुद से प्यार होता है आत्मविश्वास बढ़ता है।
महिलाओं के लिए कौन से आसान है जरूरी
महिलाओं के लिए योग उनके हार्मोन उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है उनके शरीर को थकान से और मन को मानसिक दबाव से मुक्त रखता है। महिलाओं के लिए भद्रासन, सेतुबंधासन, शशांक आसन ताड़ासन विपरीत करनी आसन काफी अच्छे आसन हैं।प्राणायाम में महिलाओं के लिए अनुलोम विलोम और शीतली प्राणायाम के साथ-साथ भ्रामरी प्राणायाम करना करना उनकी तन व मन की शांति के लिए बेहद आवश्यक है।
कल हम योगा डे पर बात करेंगे पुरुषों के लिए, बुजुर्गों के लिए शुगर, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल पेशेंट के लिए कौन से आसन और प्राणायाम हैं जरूरी