Friday, July 11, 2025
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मिडिल क्लास के बैंक बैलेंस में लगा रही है सेंध ईएमआई 

आज मिडिल क्लास का लिविंग स्टैंडर्ड काफी हाई हो चुका है लेकिन फिर भी मिडिल क्लास परेशान है और परेशान है अपनी ईएमआई के कारण क्योंकि जितना वो कमाता है उतना ही वह उधार लेता है और फिर उतना ही चुकाने में अपनी ईएमआई के रूप में अपनी सैलरी खर्च कर देता है।

मिडिल क्लास के बैंक बैलेंस में लगा रही है सेंध ईएमआई , मिडिल क्लास के बैंक बैलेंस में लगा रही है सेंध ईएमआई, कहने सुनने में हो सकता है थोड़ा अजीब लगे लेकिन यह सच है कि इस समय मिडिल क्लास सबसे ज्यादा सफर कर रहा है तो महंगाई या टैक्स से नहीं बल्कि ईएमआई से।

मिडिल क्लास के बैंक बैलेंस में लगा रही है सेंध ईएमआई

आज मिडिल क्लास का लिविंग स्टैंडर्ड काफी हाई हो चुका है लेकिन फिर भी मिडिल क्लास परेशान है और परेशान है अपनी ईएमआई के कारण क्योंकि जितना वो कमाता है उतना ही वह उधार लेता है और फिर उतना ही चुकाने में अपनी ईएमआई के रूप में अपनी सैलरी खर्च कर देता है।

पति और पत्नी दोनों ही मिलकर काम रहे हैं लेकिन उनके खर्च घटना की बजाय बढ़ रहे हैं क्योंकि दोनों जॉब पर जाते हैं तो दोनों को गाड़ी भी चाहिए और गाड़ी आती है किस्तों पर दोनों किसी बड़े शहर में रहते हैं तो उन्हें अपना सपनों का घर भी चाहिए जो की आता है किस्तों पर और फिर जब किस्तें बढ़ती हैं तो बचत तो होती नहीं है और जब बचत नहीं होती तो बिमारी या नए खर्चों के लिए उसे और उधार लेना पड़ता है और नयी ईएमआई का बोझ उसके सर पर आ जाता है।

आसान हो गया है अब ईएमआई पर जिंदगी जीना

पहले आप कर्ज तब लेते थे जब आपको बहुत आवश्यकता होती थी। जब आपके घर बनाना होता था या अपने बच्चों की शादी करनी होती थी। कुछ लोग अपने बच्चों को ऊंची शिक्षा देने के लिए भी लोन लिया करते थे पर अब आज कर्ज लेना बहुत आसान हो गया है। अब आप इधर सोचते हैं और उधर आप कर्ज ले पाते हैं।

चाहे वह आपकी फ्लाइट की टिकट की ईएमआई हो या फिर आपका फोन, फ्रिज ,सोफा हो बस आपकी सोचने की देर होती है और बिना किसी ताम धाम के बिना किसी कागजी कार्रवाई के आपको लोन फट से मिल जाता है और बन जाती है आपकी एक और नई ईएमआई।

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए है ईएमआई खतरे की घंटी

लोगों को लगता है कि महंगाई कम हो रही है या सैलरी बढ़ रही है। लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ रहा है तो लोग खुश भी है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है भारत में लोग कर्ज बहुत अधिक लेने लगे हैं। कर्ज बढ़कर जीडीपी का 42% हो चुका है जो कि किसी भी देश के लिए खतरे की निशानी हो सकती है।

इस कर्ज में भी 32.3 प्रतिशत तो ऐसा है जो बिना किसी चीज को गिरवी रखे लिया गया है। क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और कुछ ऐसी सुविधाएं जिनमें आज कर्ज को कल चूकाओ जैसी टैगलाइन का प्रयोग करके आपको खुशी खुशी उधार लेने के लिए उकसाया जाता है। भारत में 70% लोगों ने आईफोन ईएमआई पर खरीदा है। 11% लोग ऐसे हैं जिन्होंने की कर्ज चुकाने में अपनी असफलता दर्ज करा दी है। भारत में पांच में से तीन लोग ऐसे हैं जिनके ऊपर एक साथ तीन या उससे भी अधिक लोन चल रहे हैं।

ईएमआई के चक्रव्यूह से सभी है परेशान

आप सिर्फ खर्च नहीं कर रहे आप बढ़ा रहे हैं अपने ऊपर कर्ज। सोचिए एक व्यक्ति के ऊपर तीन से अधिक ईएमआईका लोन है ऐसे में उसके ऊपर कितना कर्ज बढ़ रहा है एक ईएमआई देखने में तो बहुत छोटी रकम लगती है लेकिन जब एक साथ दो या तीन ईएमआई मिलती है तो एक बड़ी रकम बन जाती है।

घर, कार, एक लैपटॉप, एक बाइक, क्रेडिट कार्ड अगर आप इन सब की ईएमआई बनवाते हैं तो आप देखेंगे कि आपकी सैलरी की काफी अधिक मात्रा इन ईएमआई की भेंट चढ़ जाती है। और जब लोगों के पास सैलरी ही नही बचती तो बचत क्या होगी और जब बचत नहीं होगी तो आप अपने देश के आर्थिक विकास में क्या योगदान दे पाएंगे? या कल आपके पास अचानक कुछ खर्चा आ जाए तो आप उस समस्या से कैसे छुटकारा पा पाएंगे। यह अब एक आम भारतीय नागरिक के लिए सोचने का विषय बन चुका है।

 32% खर्च हो रहा है ईएमआई पर

एक आम भारतीय अपनी सैलरी का 32% खर्च कर रहा है ईएमआई पर। एक भारतीय अपनी सैलरी में सबसे पहले लोन अपनी गाड़ी के लिए लेता है और उसके बाद तो लोन बढ़ना ही शुरू हो जाते हैं फिर चाहे उसे क्रेडिट कार्ड के नाम से लिया जाए या फिर किसी हॉलीडे को प्लान करने के लिए लिया जाए।

उस ईएमआई का बोझ उसकी सैलरी पर पड़ता ही है उस समय तो उसे यह एक छोटी रकम लगती है लेकिन जब एक साथ उसे तीन चार किस्त चुकानी पड़ती है तब उसके लिए यह बोझ काफी बड़ा हो जाता है कुछ लोग तो अचानक नौकरी छूट जाने के कारण इस बोझ को उठा पाने में संभव ही नहीं हो पाते।

कैसे बच सकते हैं आप ईएमआई के जाल से 

अगर आप ईएमआई के जाल से खुद को बचाना चाहते हैं तो आप ध्यान रखें कि

  • आप अपनी महीने की सैलरी का 40% से अधिक एमी पर खर्च न करें। 
  • आप बनाएं एक इमरजेंसी फंड कम से कम ₹500 का। 
  •  महंगी गाड़ी महंगे मोबाइल के कारण उधार ना ले
  • इन्वेस्टमेंट अवश्य करें चाहे वह एक छोटी सी रकम क्यों ना हो।

निष्कर्ष 

हमें अपने पूर्वजों से सीखने की आवश्यकता है जब तक बहुत आवश्यक ना हो लोन ना ले

  • दिखावे के लिए तो लोन हरगिज भी ना ले। महंगी गाड़ी, महंगे कपड़े अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खाना, अच्छा मोबाइल फोन आपके हाथ में होना यह सब आपके मेंटल स्टेटस के आगे कुछ भी नहीं है।
  • बचत करना हर इंसान के लिए और हर देश के लिए बहुत आवश्यक है तभी एक व्यक्ति एक परिवार एक राष्ट्र उन्नति कर सकता है।
  • आपको ध्यान रखना है कि आप अपनी सैलरी का कम से कम हिस्सा लोन पर खर्च करें क्रेडिट कार्ड पर जीने की आदत त्याग दे बचत करने को अपनी आदत नहीं जरूरत बना लें
  • एक छोटा इन्वेस्टमेंट हमेशा करें। यह आपके बैकअप प्लान का काम करेगा।

 

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