महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल के बीच राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह इस्तीफा बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड का नाम आने के बाद दिया गया है।
इस्तीफे की औपचारिक प्रक्रिया
धनंजय मुंडे ने अपने निजी सचिव प्रशांत भामरे और विशेष कर्तव्य अधिकारी प्रशांत जोशी के माध्यम से मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर अपना इस्तीफा सौंपा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य विधानसभा परिसर में घोषणा की कि मुंडे को उनके मंत्री पद से मुक्त कर दिया गया है और उनका इस्तीफा अब राज्यपाल को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
हत्या कांड और बढ़ता विवाद
धनंजय मुंडे, जो परली विधानसभा क्षेत्र के विधायक होने के साथ-साथ बीड जिले के संरक्षक मंत्री भी थे, विवादों में घिर गए जब उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मास्टरमाइंड बताया गया। यह हत्या दिसंबर 2024 में हुई थी, और इसकी तस्वीरें तथा स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और अधिक तूल पकड़ गया।
मुंडे की प्रतिक्रिया
धनंजय मुंडे ने इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीड जिले के मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैं पहले दिन से यही मांग कर रहा हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच की सिफारिश की गई है और इस पर जल्द कार्रवाई होगी। उन्होंने अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें इलाज कराने की सलाह दी है, जिसके चलते उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।
राजनीतिक मुलाकातों के बाद लिया गया फैसला
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच हुई बैठक के बाद मुंडे का इस्तीफा मांगा गया था। अजीत पवार ने इस्तीफे से पहले धनंजय मुंडे से अलग से बैठक की थी और उनसे पूरी स्थिति पर चर्चा की थी।
विपक्ष का हमला
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सरकार ने मंत्री को पद से हटाने में देरी की और पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला। उन्होंने सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की।
शिवसेना (यूबीटी) के ही संजय राउत ने मांग की कि धनंजय मुंडे को भी इस हत्याकांड में सह-आरोपी बनाया जाए।
बीड में विरोध और जनाक्रोश
बीड के विधायक संदीप क्षीरसागर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “बीड में जनता में आक्रोश है, और पूरे जिले में न्याय की मांग को लेकर बंद का आयोजन किया गया है। अगर रंगदारी वसूली की बैठक मुंडे के आधिकारिक बंगले पर हुई थी, तो उन्हें भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए।”
निष्कर्ष
धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर घमासान जारी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले की जांच कैसे आगे बढ़ाती है और क्या मुंडे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी।