पटना में अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। किशोर बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे। पुलिस ने उन्हें चिकित्सा जांच के लिए पटना एम्स ले जाया। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके समर्थकों के हवाले से दी।
पटना के जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गांधी मैदान में हो रहा धरना “अवैध” है, क्योंकि यह एक प्रतिबंधित स्थल है। उन्होंने कहा, “हां, गांधी मैदान में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पटना पुलिस ने किशोर के खिलाफ प्रतिबंधित स्थल पर अनशन करने के लिए मामला दर्ज किया है।
गिरफ्तारी का घटनाक्रम
गिरफ्तारी के दौरान गांधी मैदान में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रदर्शन स्थल से किशोर को हटाते समय बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी उन्हें घेरकर पुलिस को रोकने का प्रयास करते नजर आए।
प्रशांत किशोर का यह अनिश्चितकालीन अनशन 2 जनवरी से चल रहा था। वे छात्रों के समर्थन में भूख हड़ताल पर थे, जो 13 दिसंबर 2024 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्र पिछले दो हफ्तों से गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन के पीछे कारण
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग उठाई है। आरोप है कि परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था। छात्रों का कहना है कि पेपर लीक की घटना से परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा परीक्षा के पुनः आयोजन की घोषणा के बाद प्रदर्शन तेज हो गए। किशोर ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पिछले परीक्षा में हुई अनियमितताओं को स्वीकार करता है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेताओं से भी इस मुद्दे पर समर्थन मांगा। उन्होंने कहा, “ये नेता हमसे कहीं बड़े हैं। वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं। यह युवाओं के भविष्य का सवाल है। सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 87 बार लाठीचार्ज करवाया है, यह क्रूरता की पराकाष्ठा है।”
सरकार को दी चेतावनी
प्रशांत किशोर ने पहले ही नीतीश कुमार सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर जनवरी के अंत तक बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने का आदेश नहीं दिया गया, तो प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को गांधी मैदान में वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह नहीं होने देंगे। किशोर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “अगर सरकार 31 जनवरी तक बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने का आदेश नहीं देती, तो हम गणतंत्र दिवस समारोह नहीं होने देंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बिहार के हर प्रखंड से कम से कम 500 छात्र मैदान में पहुंचे।”
प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन को गैरकानूनी करार देते हुए प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस दबाव का कैसे जवाब देती है।