Tuesday, July 1, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी की बहुपक्षीय विदेश यात्रा: ब्रिक्स सम्मेलन से लेकर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते तक

प्रधानमंत्री मोदी की बहुपक्षीय विदेश यात्रा: ब्रिक्स सम्मेलन से लेकर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते तक,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से अपनी आठ दिवसीय बहुपक्षीय विदेश यात्रा पर निकलने जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वे कुल पाँच देशों — घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, नामीबिया और ब्राज़ील — का दौरा करेंगे।

यह मोदी के 11 वर्षों के प्रधानमंत्री कार्यकाल में दूसरी बार है जब वे इतने देशों की यात्रा एक साथ कर रहे हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ब्राज़ील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेना है, साथ ही भारत के अन्य रणनीतिक साझेदार देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करना है।

घाना से होगी शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत घाना से करेंगे, जहां वे 2 से 3 जुलाई तक रुकेंगे। इस दौरान वे घाना के राष्ट्रपति और अन्य उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात भारत और घाना के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहराई देने के उद्देश्य से होगी। दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीकी सहयोग और शिक्षा जैसे विषयों पर भी चर्चा संभावित है।

 

त्रिनिदाद और टोबैगो: भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात

इसके बाद मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो का रुख करेंगे, जहां भारतीय मूल के लगभग 40–45 प्रतिशत लोग रहते हैं। यह देश भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां प्रधानमंत्री भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे और त्रिनिदाद के नेताओं के साथ डिजिटल सहयोग, विशेषकर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसे भारत के तकनीकी प्लेटफार्म की वैश्विक पहुँच के विषय पर चर्चा करेंगे। त्रिनिदाद एंड टोबैगो कैरिबियन क्षेत्र का पहला देश है जिसने भारत के यूपीआई को अपनाया है।

अर्जेंटीना में ऊर्जा और रक्षा पर जोर

4 जुलाई को प्रधानमंत्री अर्जेंटीना की यात्रा करेंगे। इस यात्रा में परमाणु ऊर्जा, विज्ञान, रक्षा, खनिज तेल और गैस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर समझौते की उम्मीद जताई जा रही है। भारत और अर्जेंटीना के संबंधों में हाल के वर्षों में व्यापारिक और वैज्ञानिक सहयोग तेजी से बढ़ा है, और इस दौरे से उसमें और मजबूती आने की संभावना है।

नामीबिया: अफ्रीका में बढ़ती व्यापारिक साझेदारी

अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया जाएंगे, जो इस यात्रा का एक नया और ऐतिहासिक पड़ाव होगा। मोदी पहली बार नामीबिया जा रहे हैं। भारत और नामीबिया के बीच हाल के वर्षों में व्यापारिक संबंधों में तेज़ी आई है और दोनों देशों के बीच 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का व्यापार हो चुका है। यहाँ स्वास्थ्य, ऊर्जा, खनन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में नए समझौते हो सकते हैं।

ब्रिक्स सम्मेलन: वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी

5 जुलाई से 8 जुलाई तक प्रधानमंत्री मोदी ब्राज़ील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) विकासशील देशों का एक महत्वपूर्ण समूह है, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की मांग करता रहा है। इस बार सम्मेलन में वैश्विक शांति और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, और डिजिटल समावेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत की ओर से मोदी इन विषयों पर भारत की स्थिति स्पष्ट रूप से रखेंगे।

व्हाइट हाउस से मिला भारत को समर्थन

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यक्रम — बिग ब्यूटीफुल बिल — में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने “बेहद अच्छे रिश्तों” का ज़िक्र किया। ट्रंप ने कहा, “हम भारत के साथ एक बहुत बड़ा व्यापार समझौता करने जा रहे हैं। हमारे पास कुछ बेहतरीन समझौते हैं, और भारत के लिए अब एक नया रास्ता खुलने वाला है।”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरोलिन लेविट ने  क्या कहा?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरोलिन लेविट ने भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौता अब अपने अंतिम चरण में है। राष्ट्रपति ट्रंप और वाणिज्य सचिव इस पर अंतिम रूप से विचार कर रहे हैं और जल्द ही इस समझौते की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।

इंडो-पैसिफिक और चीन पर अमेरिका की नजर

जब पत्रकारों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव और भारत-अमेरिका के संबंधों पर इसके असर के बारे में पूछा, तो प्रेस सचिव ने स्पष्ट किया कि भारत अमेरिका का इस क्षेत्र में सबसे मजबूत रणनीतिक साझेदार है। व्हाइट हाउस ने माना कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच गहरे विश्वास और सहयोग का रिश्ता है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अमेरिका यात्रा

इसी दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी अमेरिका पहुंचे हैं, जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में “आतंकवाद की मानवी लागत” नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश देना है।

क्वाड मीटिंग और रणनीतिक महत्व

 

इस सबके बीच, क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) की गतिविधियाँ भी जारी हैं। क्वाड एक रणनीतिक समूह है जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और मुक्त नौवहन का समर्थन करता है। अमेरिका भारत को इस क्षेत्र में एक स्थायी और भरोसेमंद सहयोगी के रूप में देखता है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा न केवल भारत की विदेश नीति को नया विस्तार देने वाली है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त उपस्थिति को भी रेखांकित करती है। ब्रिक्स सम्मेलन से लेकर अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते तक, यह दौरा भारत के लिए कूटनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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