Wednesday, December 4, 2024
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देश की आर्थिक विकास की राह: आर्थिक सलाहकार के सुझाव

देश के आर्थिक सलाहकार का कहना विनियमन में पूंजीगत व्यय के लिए अधिक सरकारी क्षमता और निजी क्षेत्र में बेहतर नियुक्ति नीतियां अपना हम विकास की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। अभी हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की वास्तविक जीडीपी दर तिमाही के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। जिसका मुख्य कारण कच्ची माल की अनुपलब्धता का होना है पारिस्थितिकी के कारण खनन में विलंब हो रहा है। जिसके कारण कच्ची धातु, कोयला बिजली आदि की अनुपलब्धता है। कच्चे सामान न मिल पाने के कारण कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग भी नहीं कर पा रही है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार श्री अनंतन नागेश्वर का कहना है कि निजी कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।

क्या कहना है अनंतन नागेश्वर का

अनंतन नागेश्वर ने कहा हमें मैन्युफैक्चरिंग पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। मैन्युफैक्चरिंग के लिए हमें राज्य की क्षमताओं पर ध्यान देना होगा। राज्य की क्षमताओं का विस्तार करना होगा तभी हमारा सार्वजनिक निवेश संभव हो सकता है ।साथ ही साथ प्राइवेट सेक्टर में रिक्रूटमेंट के साथ-साथ सैलरी स्ट्रक्चर को भी सुधारने की आवश्यकता है। देश के आर्थिक सलाहकार ने कहा कि जब आप अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट मार्केट में नहीं देते हैं तो धीरे-धीरे आपके मार्केट की डिमांड कम होने लगती है इसी तरीके से जब आप अपने काम को ईमानदारी से नहीं करते तो आपको नुकसान होने लगता है। कुछ प्राइवेट सेक्टर अपने नुकसान के लिए स्वयं भी जिम्मेदार है। सीइए का कहना है कि रिक्रूटमेंट और सैलरी स्ट्रक्चर में वृद्धि के बिना आप को अच्छा एम्पलाई नहीं मिल सकता जिसके कारण आपकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

आर्थिक सलाहकार ने आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने के क्या कारण दिए

सीइए ने कहा कि इस समय विश्व भर में भू राजनीतिक स्थिति मुश्किलों से भरी हुई है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है। यह स्थिति निकट भविष्य में सुधारती हुई दिखाई नहीं दे रही है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान होगा जारी रहने वाला है। मुश्किलों से घिरी भूराजनीतिक स्थिति के कारण मुद्रास्फीति और पूंजी प्रवाह भी प्रभावित रहने वाला है।

किस तरफ ध्यान खींचना चाहते हैं भारत के आर्थिक सलाहकार

  1. भारत के आर्थिक सलाहकार का कहना है विकास को बढ़ावा देने के लिए रेगुलेटरी सिस्टम को थोड़ा सा फ्लेक्सिबल होने की आवश्यकता है। रेगुलेटरी सिस्टम को आसान करने से व्यवसाय करने में आसानी होगी। मुश्किल व्यापार नीति निवेश को प्रभावित करती है। व्यापारी व्यापार करने से बचने लगते हैं। रेगुलेटरी सिस्टम को आसान करने से नए व्यवसायी व्यवसाय करने में उत्साहित होंगे और रोजगार को प्रगति मिलेगी।
  2. सरकार को सड़क, रेलवे,ऊर्जा और अन्य बुनियादी क्षेत्र में और निवेश करने की आवश्यकता है ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो सके।जब सरकार बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर देगी तो नए व्यवसायी भी रोजगार शुरू करने के प्रति उत्साहित होंगे। जब सरकार पब्लिक सेक्टर में निवेश करेगी तो देश का आर्थिक विकास दीर्घकालीन होगा ।
  3. निजी क्षेत्रों को अपने हायरिंग पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है। अच्छे और कुशल श्रमिकों के लिए निजी कंपनियों को अपना वेतनमान बढ़ाना होगा। जितनी अच्छी नियुक्ति नीतियां होगी उतनी ही अच्छे कारीगर आपकी कंपनी में होंगे। अच्छी हायरिंग पालिसी होने से उतना ही अच्छा आपकी कंपनी ग्रोथ करेगी। निजी कंपनियों को अपने प्राइस स्केल में वृद्धि करने की आवश्यकता है।जब आपके पास अच्छे कर्मचारी होंगे तो आपका रोजगार बढ़ेगा। आपके रोजगार सृजन में विविधता आएगी। प्राइस स्केल में वृद्धि करने से युवा शक्ति कार्य क्षेत्र के प्रति समर्पित होगी। प्राइस स्केल में वृद्धि करने के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर को यह भी ध्यान रखना होगा कि मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग में तालमेल बना रहे कहीं ऐसा ना हो के प्रोडक्ट की डिमांड बहुत ज्यादा हो और हम उसे सप्लाई न कर पाए और ऐसा भी ना हो कि प्रोडक्ट की डिमांड बिल्कुल भी ना हो और हमारे पास प्रोडक्ट स्टोरेज में रखे रखे खराब होता रहे।

निष्कर्ष

देश के आर्थिक सलाहकार के द्वारा बताए गए तीन उपायों के द्वारा हमारे देश की आर्थिक विकास की गति को रफ्तार मिलने की संभावना है।न केवल हमारा देश आर्थिक विकास करेगा बल्कि हमारे देश का संपूर्ण रूप से सर्वांगीण विकास होगा।जिसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक का आर्थिक सामाजिक और मानसिक विकास होगा ।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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