तुर्की और चीन की जगह जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ईरान से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने के लिए के लिए आये आगे ,अभी तक रूस,चीन और तुर्की ही युद्ध रोकने के लिए पहल कर रहे थे पर जर्मनी फ्रांस और ब्रिटेन ने अब मध्यस्थता करने की पहल की है। जिससे कि लग रहा है कि अब ईरान व इजरायल के बीच युद्ध थम जाएगा।
जर्मनी, फ्रांस व ब्रिटेन करेंगे जिनेवा में ईरान के साथ परमाणु वार्ता
मध्य पूर्व में ईरान व इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इजरायल ने ईरान पर परमाणु संयंत्र बंद कराने के लिए सैन्य हमले किए थे। जिसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल दागी थी लेकिन अब जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन मिलकर इस युद्ध को खत्म करने की पहल करना चाहते हैं। शुक्रवार को जिनेवा में तीनों देश मिलकर ईरान के साथ परमाणु वार्ता करेंगे।
ईरान का कहना परमाणु कार्यक्रम है नागरिक उपयोग के लिए
ईरान ने अभी कुछ दिनों पहले अपना परमाणु संयंत्र दोबारा से शुरू किया। अमेरिका, इजरायल इस परमाणु संयंत्र को शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं, उन्हें लगता है कि ईरान इस परमाणु संयंत्र के द्वारा परमाणु हथियार बनाना चाहता है जबकि ईरान का कहना है कि यह परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नागरिक उपयोग के लिए है।
इस वार्ता का उद्देश्य है कि यह परमाणु कार्यक्रम या तो बंद कर दिया जाए या यह सुनिश्चित कर दिया जाए कि सचमुच यह परमाणु संयंत्र सिर्फ नागरिक उद्देश्य के लिए ही हो।
जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन करेंगे ईरान से परमाणु वार्ता
जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री आज जिनेवा में अपने ईरानी समकक्ष के साथ परमाणु वार्ता करने वाले हैं। विश्वसनीय सूत्रों के द्वारा इस खबर का पता चला है। बताया गया है कि तीनो विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त बैठक करने से पहले यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक से मिलेंगे।
तीनों विदेश मंत्री ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक करने से पहले जिनेवा में जर्मनी के स्थाई मिशन में यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक नेता काजा कालास से मिलेंगे। उसके बाद तीनों विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरायची से मिलेंगे।
अमेरिका की है सहमति
जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री से मिलेंगे। इस बातचीत के लिए अमेरिका की सहमति ले ली गई है। हालांकि अभी अमेरिका ने अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है।
अमेरिका शुरू से ही इजरायल के साथ है सभी के लिए यही है चिंता का विषय
इजरायल एक छोटा सा देश है जिसकी जनसंख्या और क्षेत्रफल ईरान के मुकाबले काफी कम है लेकिन बात जब अमेरिका की भी आती है तो थोड़ा सा डर लगना लाजमी ही है। इसलिए सभी को लग रहा है कि यह विश्व युद्ध जैसी स्थिति है क्योंकि अभी तक अमेरिका इजरायल का साथ देता आया है। ईरान और इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका ने अभी अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है।
अमेरिका का कहना है कि वे अभी दो हफ्तों तक इंतजार करेंगे। इसलिए फ्रांस ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्री ईरान के विदेश मंत्री से मिलकर परमाणु संयंत्र के विषय में बातचीत करना चाहते हैं जिससे कि यह युद्ध थम जाए।
फ्रांस ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्रियों और ईरान के विदेश मंत्री की बातचीत होगी परमाणु कार्यक्रम पर गारंटी को लेकर
फ्रांस ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्री व ईरान के विदेश मंत्री की यह बातचीत इस उद्देश्य से होगी कि ईरान इस बात की गारंटी देगा कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखें और इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ नागरिक उद्देश्यों के लिए ही करेगा।
इजरायल का क्या कहना है इस युद्ध के विषय में
इजरायल का कहना है कि वह ईरान के शेष नेता खय्यामी और तेहरान के परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को खत्म करके ही इस युद्ध का अंत करेगा जबकि ईरान का कहना है कि उसने परमाणु हथियार विकसित किये ही नहीं है उसके परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य परमाणु हथियारों के लिए न होकर अपने देश की जनता के लिए जनहित के लिए है।
जर्मनी विदेश मंत्री ने की है ईरान से तनाव कम करने की अपील
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इजरायल का समर्थन करते हुए कहा कि तेहरान को तनाव कम करना चाहिए अन्यथा उन्हें विनाश का सामना करना पड़ेगा। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने ईरान के नेताओं से अपील की कि वह समाधान की दिशा में काम करें और परमाणु कार्यक्रम पर आश्वासन दें । उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समाधान में सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
जर्मन विदेश मंत्री ने अपने फ्रांसीसी और ब्रिटिश समकक्षों और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख के साथ ईरानी विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बात की और उन्हें एक स्पष्ट प्रस्ताव दिया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री भी अपने यूरोपीय संघ के सहयोगियों के साथ मिलकर ईरान के विदेश मंत्री से वार्ता करने के लिए तैयार हैं।