Tuesday, July 1, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीय समाचारक्या आज लॉन्च हो जाएगा Axiom 4, विश्व समेत भारत की भी...

क्या आज लॉन्च हो जाएगा Axiom 4, विश्व समेत भारत की भी निगाह शुभांशु शुक्ला की स्पेस लॉन्चिंग पर

क्या आज लॉन्च हो जाएगा Axiom 4, विश्व समेत भारत की भी निगाह शुभांशु शुक्ला की स्पेस लॉन्चिंग पर ,आज अगर सब कुछ सही रहा तो कुछ ही समय बाद शुभांशु शुक्ला का Axiom 4 स्पेस यान फ्लोरिडा के नासा की कनाडा स्पेस सेंटर की लॉन्च परिसर से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा।

भारत के शुभांशु शुक्ला भी जाने वाले हैं Axiom 4 के साथ अंतरिक्ष में 

भारत के लिए आज एक महत्वपूर्ण दिन हो सकता है क्योंकि भारत के शुभांशु शुक्ला भी Axiom 4 के साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे। आज शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेंगे यह उड़ान स्पेस सेट के फाल्कन 9 रॉकेट के द्वारा भरी जाएगी। चारों स्पेस यात्रियों को दोपहर 2:00 बजे इस मिशन की लांचिंग के लिए भेजा जा रहा है। 

कौन है शुभांशु शुक्ला 

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के कुशल पायलट है। Axiom 4 के मिशन के लिए पायलट की कमान वही संभालने वाले हैं इस विमान को नासा, इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से उड़ान भरवाई जा रही है। 

क्यों है ड्रैगन का फाल्कन 9 खास रॉकेट ?

ड्रैगन का फाल्कन 9 इसलिए खास है क्योंकि अभी तक इसने 51 बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी है। अब यह 52 बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर रहा है। यह अंतरिक्ष यान 40 बार अंतरिक्ष स्पेस सेंटर की सैर कर चुका है 31 बार इसने अंतरिक्ष से धरती की वापसी की है।

शुभांशु शुक्ला को धरती से जाकर स्पेस सेंटर तक पहुंचने में लगेंगे 28 घंटे 

शुभांशु शुक्ला को आज लॉन्च तो कर लिया जाएगा लेकिन 28 घंटे बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्पेस सेंटर तक पहुंचेंगे। यह समय इसलिए लिया जाएगा ताकि ड्रैगन कैप्सूल और ऑर्बिट एडजस्टमेंट, डाॅकिंग और सुरक्षा जांच कर सके। इस मिशन के द्वारा गगनयान मिशन 2026 के लिए महत्वपूर्ण सूचनाओं को भी एकत्रित की जाएगी 

क्या है ऑर्बिट एडजस्टमेंट?

ऑर्बिट एडजस्टमेंट अर्थात कक्षा समायोजन इसमें अंतरिक्ष स्पेस सेंटर पृथ्वी के चारों एक निश्चित कक्षा में घूमता है ड्रैगन अंतरिक्ष यान को लॉन्च के बाद अपनी कक्षा में समायोजित करना होगा। इस समय ऑर्बिट एडजस्टमेंट के द्वारा अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष स्पेस सेंटर की कक्षा में आसानी से समायोजित हो पाएगा। इस प्रक्रिया को फेजिंग मैन्यूवर्स कहा जाता है। इस प्रक्रिया में यान अपनी ऊंचाई और गति को बार-बार बैलेंस करता है।

क्या है डॉकिंग?

डॉकिंग अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष स्पेस सेंटर के साथ जोड़ने की एक जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष स्पेस सेंटर की गति व स्थिति के साथ मेल खाते हुए धीरे-धीरे जोड़ना होता है यह एक बहुत सावधानी से की जाने वाली प्रक्रिया है जिसमें कोई भी गलती जानलेवा हो सकती है। इस प्रक्रिया में अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे अंतरिक्ष स्पेस सेंटर के करीब पहुंचता है जिससे कि डॉकिंग अर्थात जुड़ाव की प्रक्रिया सुरक्षित सुनिश्चित हो सके।

इस प्रक्रिया को होने और सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 1 से 2 घंटे लगते हैं। इस प्रक्रिया में एयर प्रेशर और गैस के रिसाव की भी जांच की जाती है।

 

क्या है लॉन्च विंडो ?

जब भी किसी स्पेस मिशन को कारगर किया जाता है तो उसमें लॉन्च विंडो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यह एक ऐसा समय होता है जिसमें रॉकेट को लांच किया जाता है। जिससे कि यह आसानी से और कम ईंधन के साथ अंतरिक्ष स्पेस सेंटर में प्रवेश कर सके। आज ड्रैगन अंतरिक्ष यान के लिए लॉन्चिंग के लिए दोपहर 2:00 बजे का समय निर्धारित किया गया है। ताकि वह आसानी से और कम ईंधन के साथ अंतरिक्ष स्पेस सेंटर में प्रवेश कर सके।

फाल्कन 9 अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग कई बार टाली गई है। जिसमें तकनीकी खराबी, मौसम की खराबी जैसी दिक्कतें शामिल है जितना हम किसी अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग को डिले करते हैं यह यात्रा और मुश्किल होती जाती है। तो लिए आज उम्मीद करते हैं कि हमारे शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा सकुशल और समय से संभव हो।

इससे पहले भी कोशिश की गई थी Axiom 4 को स्पेस सेंटर में भेजने की

इससे पहले भी Axiom 4 को स्पेस सेंटर में भेजने की कोशिश है की गई है और आज भी कोशिश जारी है। अभी मौसम अच्छा है और ड्रैगन पर कोई समस्या दिखाई नहीं दे रही है लेकिन मौसम डाटा अपलोड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर मौसम डाटा अपलोड करने में समस्याएं आती है तो फिर शायद आज भी Axiom 4 की उड़ान टल सकती है। चारों अंतरिक्ष यात्री कैनेडी स्पेस सेंटर में पहुंच चुके हैं।

 

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments