Friday, June 13, 2025
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एक्सियम मिशन 4 में अंतरिक्ष में जाएंगे भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 

एक्सियम मिशन 4 में अंतरिक्ष में जाएंगे भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला , इसरो ने भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को भारत के गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुन लिया है। इसरो ने शुभाशु शुक्ला को इससे पहले आईएस एक्स के एक्स 4 मिशन के लिए नासा भी भेजा था।

शुभांशु तीन विदेशी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बुधवार शाम को फ्लोरिडा अमेरिका से स्पेस सेंटर के लिए एक अंतरिक्ष यान में जाएंगे। वहां शुभांशु 14 दिन स्पेस सेंटर में बिताएंगे। शुभांशु को वहां पर विभिन्न भारतीय एजेंसी के लिए साथ रिसर्च प्रयोग करने हैं इन रिसर्च प्रयोग के द्वारा भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण में मदद मिलेगी

भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सियम मिशन 4के लिए पायलट चुना गया है 

भारत के वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सियम मिशन 4के लिए पायलट चुना गया है। शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर भेजा जाएगा। वो स्पेस एक्स ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट के साथ इंटरनेशनल स्पेस सेंटर जायेंगे।शुभांशु शुक्ला से पहले अप्रैल 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गये थे। शुभांशु शुक्ला 14 दिनों के लिए अंतरिक्ष में समय गुजारने वाले हैं। यह मिशन शोध कार्य के लिए किया जा रहा है।

क्या कहना है शुभांशु शुक्ला का इस मिशन के विषय में?

शुभांशु शुक्ला का इस मिशन के विषय में कहना है कि वह माइक्रोग्रैविटी में जाने के लिए उत्सुक और उत्साहित हैं। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि वो खुद अतंरिक्ष उड़ान का अनुभव करने और इसका हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्साहित महसूस कर रहे हैं। जैसे जैसे इस मिशन की स्पीड बढ़ वैसे-वैसे उनका उत्साह भी बढ़ रहा है। यह एक ऐसी अवस्था है जहां एकसाथ बहुत सारी चीजें सामने आ रही हैं आगे क्या और कैसे होगा मैं यह जानने के लिए बहुत उत्साहित हूं।

वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ले रहे हैं मिशन के लिए लगातार ट्रेनिंग 

वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कई महीनों से इस मिशन के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। शुभांशु का कहना है कि अब हम conops के पूरे कांसेप्ट को समझ गए हैं हम इस ऑपरेशन का कॉन्सेप्ट भी समझ में आ गया है हमने अभी तक जो भी किया है यहां से आगे बढ़ने पर ज्यादातर वही चीज करनी होगी। वही चीज दोहराई जाएगी जो हमने की है इस मिशन के लिए हम तैयार हैं और हमें पता है कि हमें इसमें सफलता मिलेगी हम इस मिशन की सफलता के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं।

क्या अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला विंग कमांडर राकेश शर्मा की तरह करेंगे योग

अंतरिक्ष में शुभांशु से जब पूछा गया कि क्या वह विंग कमांडर राकेश शर्मा की तरह योग करना पसंद करेंगे तो जवाब में शुभांशु ने कहा की हां जब आपने कहा है तो मैं स्पेस सेंटर पर रहते हुए योग की कुछ मुद्राएं भी अवश्य करूंगा। शुभांशु का कहना है कि ग्राउंड पर होने के दौरान रिहर्सल की जरूरत होती है ताकि हम शरीर और दिमाग से स्वस्थ हो और इस मिशन को सही तरह से पूरा कर सकें।

अंतरिक्ष में शुभांशु का लाइफस्टाइल कैसा होगा ?

मायोजेनेसिस

शुभांशु इन 14 दिनों में मायोजेनेसिस पर अध्ययन करेंगे। मायोजेनेसिस एक ज्ञात तथ्य माना जाता है जिसमें कहा जाता है कि अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री मांसपेशियों की हानि का सामना करते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लंबे मिशन पर जाने में मायोजेनेसिस एक बहुत बड़ी मुश्किल के रूप में भरकर आती है। शुभांशु भारत के रिसर्च मिशन के द्वारा मांसपेशियों की क्षति के लिए जिम्मेदार कारणों की पहचान करेंगें।

ताकि अंतरिक्ष मिशन के द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियों की हानि को रोकने के लिए चिकित्सा आधारित रणनीति बनाई जा सके। 

क्रॉप सीड्स 

स्पेस सेंटर में 6 फसल के बीजों का अध्ययन किया जाएगा, अंतरिक्ष में इन बीजों की खेती की जाएगी ताकि अंतरिक्ष में इन फसलों के बीजों पर क्या प्रभाव पड़ता है जाना जा सके।

वॉयेजर टाडिग्रेडस

शुभांशु के साथ वाटर बीयर्स को भी अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है वाटर बीयर्स 8 पैरों वाले माइक्रो जानवर होते हैं। इन लचीले जीवो का सूक्ष्म अध्ययन करने के लिए इन्हें अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है।

स्पेस माइक्रोएल्गी

स्पेस सेंटर में शुभांशु माइक्रोएल्गी की अनुवांशिक गतिविधि और अन्य गतिविधियों का अध्ययन करेंगे ताकि पता लगाया जा सके कि जहां ग्रेविटी नहीं है वहां पर भी सूक्ष्म जीव कैसे बढ़ते हैं।

स्प्राउटिंग सीड्स 

शुभांशु स्पेस में स्प्राउट्स के जर्मिनेशन और ग्रोथ प्रभाव की जांच करेंगे। स्पेस में बीजों की कई पीढ़ियों का अध्ययन किया जाएगा ताकि उनकी जेनेटिक्स और न्यूट्रिशन वैल्यूज की जांच की जा सके। 

होगी सायनोबैक्टीरिया की जांच 

स्पेस में सायनोवेक्टीरिया में से एक पानी के बैक्टीरिया जो की फोटोसिंथेसिस में सर्च करने में सक्षम है उनकी ग्रोथ रेट कोशिकाओं की प्रतिक्रियाओं और बायोकेमिकल एक्टिविटी की जांच होगी। 

वाॅयेजर डिस्प्ले 

शुभांशु रिसर्च करेंगे की स्पेस में कंप्यूटर स्क्रीन का प्रयोग करने से व्यक्ति की आंखों पर क्या प्रभाव पड़त हैं। आंखों की फिक्सेशन और आंखों की गति की तेजी पर ध्यान दिया जाएगा और यह भी जाना जाएगा कि इससे क्या अंतरिक्ष यात्री का स्ट्रेस लेवल प्रभावित होता है।

 

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