इजरायल का विरोध अब दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है अब पश्चिमी देश भी इजरायल के विरोध में सामने आ गए हैं ब्रिटेन फ्रांस व कनाडा ने इजरायल को चेतावनी दी है, अमेरिका के व्हाइट हाउस पैनल में दो पूर्व जिहादियों को भी रखा गया है। इनमें से एक आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के कैंप में ट्रेनिंग ले चुका है। उस पर कश्मीर में आतंक फैलाने का आरोप भी लगा है।
फ्रांस कनाडा व ब्रिटेन ने जारी किया संयुक्त बयान
कनाडा ब्रिटेन व फ्रांस ने एक संयुक्त बयान जारी करके इजरायल की तरफ से गाजा पहुंचाई जा रही मदद को कम बताया है। इन तीनों देशों ने हमास से भी इजरायली बंधकों को जल्द से जल्द रिहा करने के लिए कहा है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कनाडा ब्रिटेन व फ्रांस को दिया जवाब
इजरायल के प्रधानमंत्री ने तीनों देशों को कहा कि वह हमास को उसके हमले के लिए इनाम पेश कर रहे हैं।
गाजा में बाईस देशों ने मदद की पूरी बहाली के लिए किया एक पत्र साइन
गाजा में मानवीय संकट को देखते हुए 22 देशों ने इजरायल से मानवीय सहायता की अपील की है। इन देशों का कहना है कि ग़ाज़ा में मानवीय सहायता के सीमित बहाली के बजाय पूरी तरह से और बिना किसी बाधा के आपूर्ति को तत्काल अनुमति दी जाए। इन 22 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इस संयुक्त बयान में इजरायल सरकार से स्पष्ट रूप से दो मांगे रखी गई है।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि मौजूदा सहायता संगठन पूर्ण रूप से गाजा में मानवीय कार्यो को शुरू करने की इच्छा शक्ति और भावना रखते हैं। और वह नहीं चाहते की किसी नई प्रणाली के तहत गाजा को सहायता सामग्रीपहुंचाई जाए। वह किसी नई प्रणाली के तहत सहायता पहुंचाने के मॉडल का समर्थन नहीं करेंगे। उ
न्होंने पत्र में कहा हम एक मानवीय दाता समूह के रूप में इजरायल सरकार से आग्रह करते हैं की गाजा में मानवीय सहायता की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करें और साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र व अन्य मानवीय संगठनों को स्वतंत्र व निष्पक्ष व निर्वाचित रूप से काम करने दिया जाए जिससे लोगों की जान बचाई जा सके लोगों के दर्द को काम किया जा सके और गरिमा को बनाया जासके।
इस संयुक्त व्यक्तत्व में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्रीयों ने हस्ताक्षर किए हैं।
संयुक्त व्यक्तत्व में सहायता सामग्री को अपर्याप्त बताया
इस बयान में इजरायल द्वारा दी जा रही सहायता बहाली के फैसले को कम बताया गया है इन देशों का कहना है कि इस परिस्थिति में यह सहायता सामग्री काफी कम है और इससे स्थाई समाधान नहीं मिल सकता।
अमेरिका के व्हाइट हाउस पैनल में दो पूर्व आतंकियों को मिली है जगह
अमेरिका के व्हाइट हाउस पैनल में दो पूर्व जिहादियों को भी रखा गया है। इनमें से एक आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के कैंप में ट्रेनिंग ले चुका है। उस पर कश्मीर में आतंक फैलाने का आरोप भी लगा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्माइल रॉयर और शेख हमजा युसूफ को धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के अंतर्गत व्हाइट हाउस के नवगठित सलाहकार बोर्ड में दी जगह
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जिहादियों के व्हाइट पैनल में नियुक्ति के इस फैसले के खिलाफ अमेरिकियों के अलावा ट्रंप के करीबी सहयोगी भी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जिहादियों के व्हाइट पैनल में नियुक्ति के इस फैसले के खिलाफ अमेरिकियों के अलावा ट्रंप के करीबी सहयोगी भी हैं। ट्रंप के करीबी सहयोगियों के अनुसार आतंक के मुद्दे पर यह अमेरिकी राष्ट्रपति का ब्लंडर है। रॉयर पर अमेरिका में आतंकवाद फैलाने का भी आरोप लगा है उस पर अलकायदा से जुड़े होने का भी आरोप लगा है
इस्माइल को 2004 में 20 साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन 13 साल बाद उसे आजाद कर दिया गया था। साल 2001 में इस्माइल राॅयर और शेख हमजा ने पाकिस्तान के मुरीदके में ट्रेनिंग ली थी मुरीदके के आतंकवादी भारत को हमेशा निशाना बनाते रहे हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम भारत के साथ धोखा है या एक जानबूझकर की गई गलती यह सोचने का सवाल है।