Friday, July 11, 2025
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इंफोसिस के नारायण मूर्ति ने दी थी सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह इन्फोसिस दे रही है कर्मचारियों को ओवरटाइम न करने की सलाह

इंफोसिस भेज रही है 9.15 घंटे से ज्यादा काम करने पर अलर्ट 

इंफोसिस के नारायण मूर्ति ने दी थी सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह इन्फोसिस दे रही है कर्मचारियों को ओवरटाइम न करने की सलाह,नारायण मूर्ति की कंपनी इंफोसिस अपने कर्मचारियों को काम और आराम के बीच बैलेंस बनाना सिखा रही है।

इंफोसिस में अपने कर्मचारियों को ओवरटाइम से बचने की सलाह दी जा रही है। इंफोसिस वर्क फ्रॉम होम के दौरान ज्यादा घंटे काम करने वाले कर्मचारियों को ईमेल भेजकर ज्यादा काम न करने की सलाह दे रही है। 

इंफोसिस भेज रही है 9.15 घंटे से ज्यादा काम करने पर अलर्ट 

इंफोसिस का एच आर डिपार्टमेंट भेज रहा है उन कर्मचारियों को ईमेल जो दिन में 9.15 घंटे से अधिक कम कर रहे हैं या एक सप्ताह में 5 दिन से अधिक काम कर रहे हैं। इन मेल्स में कर्मचारियों को बताया जा रहा है कि आपने कितने दिन कितने घंटे काम किया और रोजाना आप औसतन कितने घंटे काम कर रहे हैं।

 नारायण मूर्ति की कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को ईमेल में क्या लिखा?

 इंफोसिस कंपनी के एच आर डिपार्टमेंट ने ईमेल में लिखा हम आपकी मेहनत की सराहना करते हैं लेकिन आपकी सेहत और लंबी प्रोफेशनल लाइफ के लिए वर्क लाइफ बैलेंस करना बहुत जरूरी है। 

इंफोसिस ने अपनाई है हाइब्रिड वर्क पॉलिसी 

  • इंफोसिस ने नवंबर 2023 से हाइब्रिड वर्क पॉलिसी अपनाई है जिसमें हर कर्मचारी महीने में 10 दिन ऑफिस आता है। उसके बाद कर्मचारियों के ऑफिस आवर्स ट्रैक किए जाते हैं इंफोसिस की एच आर टीम इन रिमोट आवर्स को ट्रैक करती है जो कि घर में बैठकर काम करते समय गुजारे जाते हैं।
  • इंफोसिस का मानना है कि लगातार ओवर टाइम,शेड्यूल का निश्चित ना होना, और समय के अभाव के कारण कभी भी कुछ भी खा लेना, कम सोना यह सभी अगर लगातार होता रहता है तो कर्मचारी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। वह मेंटली और फिजिकल स्ट्रेस में रह सकता है। इसलिए इंफोसिस अपने लगातार काम करने वाले कर्मचारियों को ईमेल भेजकर आराम करने की सलाह दे रही है।
  • इससे लगातार काम करने वाले कर्मचारियों के वर्क प्रोफाइल पर अच्छा असर नहीं पड़ता। इसलिए कंपनी अपने कर्मचारियों को वर्क एंड हम लाइफ को बैलेंस करने के लिए समय-समय पर अपनी प्रतिक्रिया भेज रही है।

इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी

  • इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा था कि युवाओं को समझना होगा कि हमें कड़ी मेहनत करनी होगी और भारत के नंबर एक बनाने की दिशा में लगातार काम करना होगा। इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति का कहना था हमें अपनी आकांक्षाएं ऊंची रखनी होगी क्योंकि 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता है अर्थात हमारा भारत 80 करोड़ गरीब भारतीयों को भोजन प्रदान करता है अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं है तो कौन मेहनत करेगा।
  • उन्होंने कहा इंफोसिस से मैंने कहा था कि हम सर्वश्रेष्ठ कंपनियों के पास जाएंगे और अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कंपनियों से करेंगे एक बार जब हम अपनी तुलना उनसे करेंगे तो हम बता सकते हैं कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है। 

एल & टी अध्यक्ष एस एन सुब्रमण्यम ने दी थी हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह, क्या कहा था सुब्रमण्यम ने? 

एलएनटी के अध्यक्ष ने अपने कर्मचारियों से ऑन ऑनलाइन वार्ता में एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि अगर संभव हुआ तो कंपनी आपसे रविवार को भी काम करेगी। सुब्रमण्यम ने अपने कर्मचारियों से पूछा था आप पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? 

एलएनटी के अध्यक्ष एस एन सुब्रमण्यम ने शनिवार को काम पर बुलाने के विषय में क्या जवाब दिया था? 

एसएमएस सुब्रमण्यम से जब कर्मचारियों ने ऑनलाइन बातचीत में पूछा कि कंपनी अपने कर्मचारियों को शनिवार को भी क्यों बुलाती है तो उन्होंने जवाब दिया मुझे खेद है कि आपसे रविवार को कम नहीं करवाया जा रहा है। अगर मैं आपसे रविवार को भी काम करवाना तो मुझे ज्यादा खुशी होगी क्योंकि मैं रविवार को भी काम करता हूं एस एन सुब्रमण्यम ने यह बात कंपनी की इंटरनल मीटिंग में कही थी।

सुब्रमण्यम के इस व्यक्तत्व की हुई थी कड़ी आलोचना 

 इस व्यक्तत्व को देने के बाद सुब्रमण्यम कई लोगों के निशाने पर आ गए थे। समाजसेवी से लेकर राजनीतिज्ञ और अभिनेता अभिनेत्रियों ने भी उनके बयान की निंदा की थी और घर के लिए समर्पण और समय को आवश्यक बताया था। 

निष्कर्ष 

  • इंफोसिस कंपनी ने अपने कर्मचारियों की बेहतरी के लिए एक हाइब्रिड वर्क पॉलिसी बनाई है जिसमें कंपनी कर्मचारियों को महीने में कम से कम 10 दिन ऑफिस में बुलाएगी। उसके बाद कंपनी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सहूलियत देगी।
  • कंपनी कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम के समय आवर्स चेक करेगी और जिन कर्मचारियों ने 9.15 घंटे से अधिक काम किया होगा उन्हें आराम करने की सलाह दी जाएगी ताकि वह अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर कर सके। इससे पहले इंफोसिस के फाउंडर 70 घंटे काम करने को वक्त की जरूरत बता चुके हैं
  • एलएनटी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम ने भी 90 घंटे काम करने की आवश्यकता पर बल दिया है। लेकिन अब इस नई थ्योरी के द्वारा निष्कर्ष निकाला गया है कि अगर कर्मचारी एक दिन में 9 घंटे से अधिक काम करेंगे तो उनकी परफॉर्मेंस आने वाले समय में बदतर होती जाएगी।

 

 

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डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10% टैरिफ लगाने की दे डाली चेतावनी डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट टुथ से ब्रिक्स देशों पर 10% टैरिफ लगाने की चेतावनी दे डाली है डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया होल्डर टूथ पर लिखा कि सभी ब्रिक्स देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाएगा। भारत भी ब्रिक्स देशों का हिस्सा है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि कोई भी देश जो ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ होगा उस पर अमेरिका 10% अतिरिक्त टैरिफ लगायेगा। इस पॉलिसी में किसी भी देश को किसी भी तरह की छूट नहीं मिलेगी ।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट को इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद करते हुए समाप्त किया। डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स देशों की किन नीतियों को अमेरिका विरोधी मान रहे हैं? डोनाल्ड ट्रंप ने खुलकर किसी भी देश का नाम नहीं लिया है और ना ही उन नीतियों के विषय में बताया है जिन्हें कि वह अमेरिकी विरोधी मान रहे हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप न देशों की तरफ इशारा कर रहे हैं जो अमेरिका की बातों पर ध्यान ना देकर अपना फैसला खुद ले रहे हैं भारत का नाम भी सूची में शामिल हो सकता है क्योंकि भारत अब अपना फैसला खुद लेने लगा है। रूस से s400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारत ने खरीदा जबकि अमेरिका ने इसके विषय में आपत्ति थी सभी जानते हैं हालांकि अमेरिका ने सीधे-सीधे कोई आपत्ति नहीं दिखाई थी लेकिन फिर भी अमेरिका का रुख भारत के रूस से विमान खरीदने के विरोध में था। ब्रिक्स देशों ने की अमेरिका के एक तरफा टैरिफ नीतियों की आलोचना ब्रिक्स देशों ने एक साझा बयान जारी अमेरिका की टैरिफ नीति की आलोचना की है। वृक्ष देशों ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाया जा रहे मनमानी और टैरिफ तरीके पूरे विश्व के व्यापार को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह WTO वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों के विरुद्ध है। ब्रिक्स देशों के इस बयान में कहीं भी डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया गया है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की नीति और उनके लगातार दिए जा रहे बयानों की आलोचना की गई है डोनाल्ड ट्रंप क्यों ब्रिक्स देश के विरोधी हो गए हैं? डोनाल्ड ट्रंप का ब्रिक्स देशों के विरोधी होने का कारण यह है कि ब्रिक्स देश अपने निर्णय खुद ले रहे हैं जिसके कारण अमेरिका विरोधी नीतियों को बढ़ावा मिल रहा है। इसलिए उन्होंने ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त लगाने की घोषणा की है डोनाल्ड ट्रंप ने की घोषणा, आज से सभी देशों को संदेश भेजने की होगी शुरुआत डोनाल्ड ट्रंप पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि 10-10 देशों के ग्रुप बनाकर सभी देशों में टैरिफ को लेकर पत्र भेजे जाएंगे और जवाब सिर्फ हां या ना में माना जाएगा। अगर देश डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से असहमति जताते हैं तो उनके साथ व्यापार बंद कर दिया जाएगा। कहां हो रहा है ब्रिक्स सम्मेलन और डोनाल्ड ट्रंप क्यों नाराज़ हैं इस सम्मेलन से ब्रिक्स सम्मेलन ब्राजील में हो रहा है जिसमें रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और यूएई हिस्सा ले रहे हैं।यहां सुदृढ़ वैश्विक स्थिति, AI रेगुलेशन, स्थानीय मुद्राओं पर व्यापार मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। ब्रिक्स देशों ने ईरान पर हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और पहलगाम हमले और आतंकवाद का विरोध किया है। गाजा में हिंसा को लेकर भी ब्रिक्स देशों ने चिंता व्यक्त की है। ब्रिक्स देशों ने एक साझा बयान जारी कर अमेरिका की टैरिफ नीति की आलोचना की है। अमेरिका को ब्रिक्स देशों का यह साझा बयान और उनका स्वयं निर्णय लेना रास नहीं आ रहा है। निष्कर्ष ब्रिक्स देशों का ब्राजील की राजधानी रियो में ब्रिक्स सम्मेलन चल रहा है जहां सभी देशों ने विभिन्न विषयों में आपस में विचार विमर्श किया। पहलगाम हमले और आतंकवाद का विरोध किया। ईरान पर सभी देशों ने आपत्ति जताई। राजनीति से लेकर आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार विमर्श व बात की गयी। अमेरिका की टैरिफ नीति का वैश्विक व्यापार पर प्रभाव के विषय में भी एक साझा बयान जारी किया गया। अमेरिका को ब्रिक्स देशों का यह साझा बयान और उनका स्वयं निर्णय लेना रास नहीं आ रहा है। जिसके विरोध में अमेरिका ने ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली है।
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