Tuesday, July 1, 2025
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आज योगा डे भारत भर में मनाया गया त्योहार की तरह

आज योगा डे भारत भर में मनाया गया त्योहार की तरह, आज योगा डे है और आज सुबह से पूरे भारत को पता चल गया कि आज भारत भर का त्यौहार है। जिसे केवल एक धर्म एक संप्रदाय के लोग नहीं मना रहे हैं बल्कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक योगा डे के रंग में रंगे हुए हैं। आज सुबह 5:00 से ही जगह-जगह योग कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं

। लोगों ने अपने गांव शहरों कस्बों कॉलोनी, सोसायटी, गंगा किनारे, यमुना किनारे जिसको जहां जगह मिली वहां योग मेट बिछाया और मनाया इस उत्सव को दिल से।

आज योगा डे भारत भर में आयुष मंत्रालय और भारतीय योग संस्थान की मदद से डे भारत भर में मनाया गया 

 भारत सरकार ने भी आज आयुष मंत्रालय और भारतीय योग संस्थान की मदद से जगह-जगह योग शिविर आयोजित किए, प्रार्थनाएं की गई। योगासन और प्राणायाम किए गए। शुभ संकल्प लिए गए। आज जहां देखो वहां योगा डे की टी-शर्ट और सफेद सूट और लाल दुपट्टे वाले लोग ही दिख रहे थे ऐसा नहीं है कोई ड्रेस कोड था पर फिर भी योग के लिए सबसे उपयुक्त रंग सफेद ही होता है। तो जिसने भी इस पल को जिया उसे तो यह पल हमेशा के लिए याद हो गया।

जिस किसी ने भी इस दिन को मनाया है उसको योगा डे की शुभकामनाएं और जो आज जल्दी नहीं उठ पाए हैं उनके लिए अभी भी योगा डे है तो बस उठाइए एक योग मेंट या फिर एक दरी और शुरुआत कर लीजिए आज से एक अच्छे काम की तो चलिए विषय से नहीं भटकते हैं आज हम योग की सीरीज को आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं मेनोपॉज को फेस कर दी महिलाओं की व पुरुषों के लिए योग व ध्यान की । 

मेनोपॉज वाली महिलाओं के लिए योगासन 

क्या है मेनोपॉज

जिन महिलाओं की उम्र 45 से 55 के बीच में होती है उन्हें मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है बल्कि 40 वर्ष से ही प्रीमीनोपॉज़ की स्थिति शुरू हो जाती है। इस समय हॉट फ़्लैश आते हैं अनिद्रा और बेचैनी होती है मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है इसके उनके हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। हड्डियों कमजोर होने लगती है और आत्म विश्वास में कमी और अकेलापन होने लगता है। 

मेनोपॉज के लिए आसन 

सुप्त बध्यकोढ़ासन

सुप्त बध्यकोढ़ासन  से महिलाओं का पेल्विक क्षेत्र मजबूत होता है और यूट्रस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

विपरीत करनी आसन

विपरीत करनी आसन करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है मानसिक शांति मिलती है। 

सेतुबंधासन 

सेतुबंधासन आसन को करने से यूरिन लीकेज की प्रॉब्लम दूर होती है थायराइड ठीक होता है मूड स्विंग्स में सुधार होता है रीड की हड्डी मजबूत होती है। 

बालासन

मानसिक शांति मिलती है पेट दर्द थकावट दूर होती है। 

तितली आसन 

इस आसन को करने से शरीर में लचीलापन आता है पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां स्ट्रांग होती है। 

अनुलोम विलोम 

मस्तिष्क संतुलित होता है। तनाव दूर होता है। 

प्राणायाम,  ध्यान

शीतली प्राणायाम 

 हीट स्ट्रोक और हॉट फ्लैश से राहत मिलती है।

भ्रामरी प्राणायाम 

मूड स्विंग्स अनिद्रा और मानसिक तनाव को दूर करता है। 

ध्यान

5 मिनट का सेल्फ लव मेडिटेशन आपको खुद से प्यार करना सिखाएगा।

पुरुषों के लिए योगासन 

पुरुषों को काम का तनाव सबसे ज्यादा झेलना होता है घर चलाने के लिए उन्हें हर परिस्थिति में काम करना ही होता है। ऐसे में आजकल पुरुषों को भी कई बीमारियों ने घेर लिया है जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग,, नपुंसकता पीठ दर्द और गर्दन की जकड़न मुख्य है। योगासन कर पुरुष अपनी दिनचर्या को नियमित कर इन बीमारियों से बच सकते हैं।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन से पेट की चर्बी कम होती है पाचन और गैस समिति समस्या दूर होती है 

 भुजंगासन

 भुजंगासन करने से रीढ मजबूत होती है। हृदय और छाती के लिए भुजंगासन विशेष उपयोगी है। 

वक्रासन

वक्रासन करने से डायबिटीज दूर होती है। पाचन क्रिया सुचारू होती है मंडूकासन भी डायबिटीज में विशेष लाभकारी आसान है 

 ताड़ासन

 ताड़ासन करने से शरीर की मुद्रा और संतुलन में सुधार आता है।

 धनुरासन 

 धनुरासन करने से कमर लचीली होती है और हार्मोन ग्रंथियां एक्टिव होती है

मूलाधार व सहस्त्रार चक्र

 सेक्सुअल हेल्थ के लिए मूलाधार व सहस्त्रार चक्र को सक्रिय करने से रक्त संचार बढ़ता है। 

पुरुषों के लिए प्राणायाम और ध्यान

पुरुषों के लिए कपालभाति अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम बहुत लाभकारी होते हैं। 

कपालभाति 

 कपालभाति करने से चर्बी कम होती है पाचन सुधरता है और मस्तिष्क सक्रिय होती है होता है क्योंकि ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। 

 अनुलोम विलोम 

 अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से ब्लड प्रेशर ठीक होता है तनाव कम होता है और नाढ़ी  शुद्ध होती है। 

भ्रामरी

भ्रामरी  प्राणायाम करने से तनाव दूर होता है अनिद्रा में राहत मिलती है।पुरुषों को 5 मिनट का माइंडफुल ब्रीदिंग मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए सोने से पहले रात को और सुबह जाग कर पहले 5 मिनट केवल सांसों पर ध्यान देना है।

ध्यान

ध्यान पुरुषों के लिए सबसे बड़ा मूड स्टेबलाइजर है बिना किसी दवा के वह खुद को सिर्फ ध्यान से ही स्वस्थ रख सकते हैं।

 

आज के लिए इतना ही कल हम बात करेंगे शुगर थायराइड और कोलेस्ट्रॉल पेशेंट की और उनके लिए उपयोगी योग ध्यान और प्राणायाम की।

 

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