Monday, June 30, 2025
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 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर कल अमेरिकी अदालत ने लगाई थी रोक, आज दूसरी अदालत ने हटाई रोक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर कल निचली अमेरिकी अदालत ने लगाई थी रोक, आज दूसरी अमेरिकी अदालत ने उस रोक को हटा लिया है। कल अमेरिकी अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के फैसले को अवैध बताया था और आज उस फैसले को ही गलत बताकर एक नया फैसला दूसरी अमेरिकी अदालत ने दे दिया है। आइये जानते हैं क्या है टैरिफ पर रोक हटाने के पीछे पूरी वजह 

अमेरिकी अदालत में लगाई थी टैरिफ नीति पर रोक दूसरी अदालत ने हटा दी है टैरिफ नीति पर रोक

बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को एक अमेरिकी अदालत ने संविधान का उल्लंघन करते हुए अवैध बताया था और इस पर तत्काल रोक लगा दी थी लेकिन बृहस्पतिवार को एक दूसरी अदालत ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है। ट्रंप प्रशासन ने आपातकालीन परिस्थितियों में राष्ट्रपति द्वारा लगाई गई शक्तियों पर लगी रोक के खिलाफ निचली अदालत से ऊंची अदालत में अपील की थी जिस पर मैनहट्टन स्थित ऊंची अदालत ने अपनी सहमति जताई और इस रोक को हटा लिया। अब यह मामला मैनहट्टन स्थित इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट में जाएगा। 

क्या फैसला दिया था निचली अदालत ने 

निचली अदालत ने फैसला दिया था कि कांग्रेस ने IEEPA के अंतर्गत असीमित शक्तियां नहीं सौंपी हैं। संविधान कांग्रेस को विदेशी राष्ट्र के साथ व्यापार को विनियमित करने की विशेष शक्ति देता है। यह अधिकार केवल इस कारण से समाप्त नहीं हो सकता कि राष्ट्रपति आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करता है। अदालत का कहना है कि यह फैसला टैरिफ के उपयोग की इंटेलीजेंस या प्रभाव का पता नहीं करता बल्कि पूरी तरह से कानून पर केंद्रित है।

क्या कहा मैनहटृन स्थित ऊंची अदालत ने 

मैनहटृन स्थित ऊंची अदालत ने में कहा गया कि अमेरिकी सरकार की अपील पर विचार करने के बाद निचली अदालत के फैसले को रोका जा रहा है। इस मामले में तत्काल प्रशासनिक स्थगन के अनुरोध को स्वीकार किया जाता है और ट्रेड कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले और स्थाई निषेधाज्ञाओं को फिलहाल के लिए रोका जा रहा है जब तक की यह अदालत इस मामले में कार्यवाही पर विचार नहीं कर लेती है। इस मामले में वादी और प्रशासन अपना जवाब तैयार रखें वादी 5 जून तक और प्रशासन 9 जून तक अपना जवाब तैयार रखें।

अमेरिकी सरकार ने दिया था तर्क कि टैरिफ हटाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा

ट्रंप प्रशासन ने तर्क दिया था कि टैरिफ पर रोक लगाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा। कल बृहस्पतिवार को अमेरिकी प्रशासन ने एक याचिका दर्ज की जिसमें उन्होंने तर्क दिया की टैरिफ हटाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा ऐसे में अदालत में अपना पिछला आदेश अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया। अब जब तक आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक टैरिफ पर रोक हटाने की प्रक्रिया अस्थाई रूप से जारी रहेगी। 

डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने रखा था अपना तर्क 

ट्रंप सरकार ने अपना तर्क रखते हुए कहा कि राष्ट्रपति के इमरजेंसी फैसले पर अदालत को सवाल नहीं उठाना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप से पहले रिचर्ड निक्सन ने भी टैरिफ लगाया था और उन्हें अमेरिकी अदालत ने टैरिफ लगाने की अनुमति दी थी।

 ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर उठ रहे हैं सवाल

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर विश्व भर में विरोध हो रहे हैं। चीन व यूरोपीय संघ में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की विशेष रूप से आलोचना हो रही है । उनकी नीतियों को बाजार में व्यापारिक अस्थिरता और महंगाई का कारण माना जा रहा है। 

अमेरिकी सरकार की टैरिफनीति के पक्ष मे आई अदालत के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया है अमेरिकी प्रशासन की 

अमेरिकी सरकार ने अदालत के इस फैसले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन टैरिफ लगाने के नए विकल्प खोजेगा। व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो का कहना है अगर हम अदालत में मामला हार भी जाते हैं तो प्रशासन टैरिफ लगाने के नए विकल्पों की खोज करेगी। उन्होंने कहा कि अभी टैरिफ लागू है और अमेरिकी सरकार अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता में लगी है।

अमेरिकी सरकार ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति ने साउथ एशिया में हालात को कम करने के लिए अपनी आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का रणनीतिक रूप से उपयोग किया

अमेरिकी अधिकारियों ने अदालत को तर्क दिया कि राष्ट्रपति ने साउथ एशिया में हालात को कम करने के लिए अपनी आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का रणनीतिक रूप से उपयोग किया। अमेरिकी सरकार ने कहा कि चीन व यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ ट्रंप की कार्यवाही आवश्यक थी। अमेरिकी सरकार ने अदालत को चेतावनी दी कि टैरिफ को रोकना, चीन के साथ चल रही व्यापार व शांति दूत वार्ता को खतरे में डाल सकता है।

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