अमेरिका ने किया अचानक से ईरान पर हमला आखिर क्यों, उपराष्ट्रपति ने बताया और क्यों पुतिन नहीं कर रहे हैं ईरान की मदद , मिडिल ईस्ट में इजरायल ईरान के युद्ध के बीच अमेरिका भी इस युद्ध का हिस्सा बन चुका है ऐसे में अभी तक लग रहा था कि रूस भी ईरान की मदद के लिए आगे आएगा लेकिन रूस ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं आखिर क्या है वजह
अमेरिका ने ईरान पर अचानक किया हमला
अमेरिका कुछ बड़ा करने वाला है ऐसा अंदाजा तो सभी को हो गया था पिज़्ज़ा इंडेक्स जैसी खबरें इस अंदाजे का नतीजा थीं लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि डोनाल्ड ट्रंप इतनी जल्दी इतने रहस्यमय तरीके से ईरान पर बम बरसा देंगे। बाहरी लोगों की तो छोड़िए व्हाइट हाउस में भी काफी कम लोगों को इस अचानक होने वाले हमले की जानकारी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह ईरान के खिलाफ 6 सप्ताह का समय लेने वाले हैं।
लेकिन ऐसा कहने के 36 घंटे बाद ही उन्होंने ईरान के परमाणु संयंत्र वाली जगह पर हमले बोल दिए। अमेरिका ने ईरान के फोर्डों स्थित परमाणु संयंत्र को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इस जगह के विषय में कहा जा रहा था कि यह जगह जमीन से काफी नीचे है और इसे चोट पहुंचाना आसान नहीं है।
पुतिन का कहना है की रूसी संघ के 20 लाख लोग रहते हैं इजरायल में
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पूर्व सोवियत संघ और रूसी संघ के लगभग 20 लाख लोग इजराइल में रहते हैं अधिकतर लोग रूसी भाषा में बोलते हैं। रूस की 15% आबादी इस्लाम का पालन करती है और रूस इस्लामिक सहयोग संगठन में पर्यवेक्षक की भूमिका में है। रूस ने दशकों से मिडिल ईस्ट में एक नाजुक संतुलन को बनाए रखा है
रूस के इजरायल के साथ भी अच्छे संबंध है पिछले कुछ समय से रूस ने ईरान के साथ भी अपने आर्थिक और सैन्य संबंध मजबूत किए हैं रूस ने ईरान को अपना पहला परमाणु संयंत्र स्थापित करने में मदद भी की थी।
अमेरिका के इजरायल और ईरान के युद्ध के बीच में आने पर क्या प्रतिक्रिया दी पुतिन ने
अमेरिका ने बीती रात ईरान के फोर्डों, मुस्कहान और एस्फाहान परमाणु स्थलों पर बमबारी की थी। रूस ने अमेरिका के हमले को गैर जिम्मेदाराना और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। पुतिन इजरायल और ईरान के बीच युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश कर चुके हैं।
ईरान ने बंद किया अपना समुद्री रास्ता होमुर्ज स्टे्ट
ईरान दुनिया भर के विभिन्न देशों को तेल होमुर्ज स्टे्ट से ही निर्यात करता है ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हमला होने के बाद होमुर्ज स्टे्ट को बंद करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। यह रास्ता फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है दुनिया भर के तेल व्यापार के लिए यही रास्ता प्रयोग होता है। भारत इसी रास्ते से हर दिन 20 लाख बैरल कच्चा तेल आयात करता है।
व्हाइट हाउस में भी नहीं पता था कि यह हमला कब और कैसे किया जाएगा?
जब डोनाल्ड ट्रंप असल में ऐसा कह रहे थे तब उनके सेना नायक उस गुप्त हमले की तैयारी कर रहे थे। व्हाइट हाउस में भी लोगों को नहीं पता था कि यह हमला कब और कैसे किया जाएगा। ईरान का ध्यान भटकाने के लिए अमेरिका ने दो सप्ताह वाली बात की थी ताकि ईरान अलर्ट ना हो पाए। डोनाल्ड ट्रंप चाहते थे ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक करना जिससे व्यापक युद्ध में हिस्सा लिए बिना भी अमेरिका ईरान को नुकसान पहुंचा सके।
क्या कहना है अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का इस हमले के विषय में?
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि अमेरिका काफी कूटनीतिक कोशिशें कर चुका था लेकिन सफलता न मिलने पर यह फैसला लेना पड़ा।
ईरान ने दी थी अमेरिका में अपने स्लीपर सेल्स द्वारा होने वाले आतंकवादी हमले की चेतावनी
अमेरिका हमले के बाद ईरान के साथ फिर से कूटनीतिक वार्ता शुरू करना चाहता है। अमेरिका ने ईरान पर यह हमले ईरान द्वारा दी गई चेतावनी के बाद किए थे। ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है तो वह अपनी स्लीपर सेल्स द्वारा अमेरिका में आतंकवादी हमले करवा सकता है।