अमेरिका की व्यापार अदालत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिबरेशन डे टैरिफ को प्रभावित होने से रोक दिया है। अदालत में जजों ने कहा कि राष्ट्रपति का इतना अधिक आयात शुल्क लगाना राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकारों की सीमा का उल्लंघन करना है। अदालत में जजों ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर में टैरिफ के रोल वाले तर्क की भी आलोचना की।
अमेरिका के व्यापार अदालत में डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को अप्रभावी करने के लिए सुनाया बड़ा फैसला
अमेरिका की व्यापार अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप के आयात शुल्क के लिए कहा कि राष्ट्रपति ने आयात शुल्क लगाने में अपने संवैधानिक अधिकारों की सीमा का उल्लंघन किया है।अदालत ने स्पष्ट किया कि संविधान के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है। जिसे आपातकालीन शक्तियों के नाम पर राष्ट्रपति नहीं ले सकता।
अमेरिका की व्यापार अदालत में ट्रंप प्रशासन ने अपने पक्ष में क्या कहा?
अमेरिका के व्यापार अदालत में ट्रंप प्रशासन ने अपने पक्ष में कहा कि टैरिफ लगाने की वैधानिक शक्ति को उन्होंने IEEPA के अंतर्गत हासिल किया है। IEEPA के अंतर्गत कानून में राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में सामान्य और असाधारण खतरों से निपटने के लिए आर्थिक कदम उठाने की अनुमति है।
अमेरिका की व्यापार अदालत ने ट्रंप प्रशासन के IEEPA के अंतर्गत अधिकारों को भी बताया अप्रभावी और अनुचित
अमेरिका की व्यापार अदालत ने ट्रंप प्रशासन के IEEPA के अंतर्गत अधिकारों को अप्रभावी और अनुचित बताया। मैनहट्टन में तीन जजों की कोर्ट आफ इंटरनेशनल ट्रेड ने ट्रंप प्रशासन की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति को असीमित शक्ति नहीं दी है। यदि IEEPA की व्याख्या इस तरह से की जाए कि वह राष्ट्रपति को असीमित टैरिफ लगाने की शक्ति दे रहा है तो यह अनुचित और असवैधानिक है।
अमेरिका की व्यापार अदालत ने भारत-पाक सीज फायर के ट्रंप प्रशासन के तर्क को भी किया अनसुना
ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि टैरिफ का उद्देश्य व्यापारीक न होकर राजनीतिक भी था। डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के कारण ही भारत और पाकिस्तान में सीज फायर चल पाया। पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा किए गए आतंकी हमले के विरोध में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को खत्म करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने राजनीतिक दबाव की तरह से काम किया।
अगर भारत पर टैरिफ का दबाव नहीं होगा तो भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर चल नहीं पाएगा। अमेरिका के द्वारा दिए गए इस तर्क को जजों ने सिरे से खारिज कर दिया
अमेरिका की व्यापार अदालत ने क्या कहा अपने फैसले में?
अमेरिका की व्यापार अदालत ने अपनी फैसले में कहा कि यह अदालत राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ का प्रयोग कितनी बुद्धिमानी से किया गया इस पर टिप्पणी नहीं करती। अदालत सिर्फ यह कह रही है कि यह टैरिफ प्रयोग इसलिए अवैध है क्योंकि कानून इसकी अनुमति नहीं देता। कोर्ट का कहना है कि अगर राष्ट्रपति को IEEPA के अंतर्गत असीमित शक्ति मिली है तो यह अंसवैधानिक होगा।
अमेरिका की व्यापार अदालत में ट्रंप प्रशासन ने किया दावा, टैरिफ पावर के दम पर भारत पाक में सीज फायर करवाया
ट्रंप प्रशासन ने कहा की टैरिफ ट्रेड के कारण ही दोनों देशों में सीज फायर हुआ। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप कह चुके थे मैं नहीं कहना चाहता कि मैंने करवाया लेकिन हां मैंने मदद जरूर की मैंने दोनों ही देश से ट्रेड को लेकर बात की थी।
अमेरिका की व्यापार अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप ने कहा अगर टैरिफ से जुड़े नियम नहीं माने गए तो सीज फायर टूट सकता है
अमेरिका की व्यापार अदालत में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ प्लान को मजबूत दिखाने के लिए भारत और पाकिस्तान के सीज फायर का सहारा लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर टैरिफ से जुड़े नियम नहीं माने गए तो सीज फायर टूट सकता है राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर कराने के लिए उन्होंने अपने टैरिफ से जुड़े अधिकारों का प्रयोग किया था।