Tuesday, July 1, 2025
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अगर आप चाहते हैं अपने बच्चे को आगे बढ़ाना तो काम करें खुद पर भी

अगर आप चाहते हैं अपने बच्चे को आगे बढ़ाना तो काम करें खुद पर भी, अगर आप चाहते हैं अपने बच्चे को आगे बढ़ाना तो काम करें खुद पर भी, हम सब मां बाप बनते ही अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के विषय में सोचना शुरू कर देते हैं। हम सभी का सपना होता है कि हमारा बच्चा थनवान, कीर्तिवान और भाग्यशाली हो। हममें सें कोई भी यह नहीं चाहता कि उसका बच्चा जीवन की दौड़ में पीछे रह जायें।

सभी यही चाहते हैं कि उनके बच्चे सफलता हासिल करें, पर क्या आप यह जानते हैं कि आपका स्वयं का व्यवहार ही आपके बच्चे का भविष्य निर्माण करता है। आइए जानते हैं कैसे आपकी कुछ गल्तीयां पीछे ढकेलती हैं आपके बच्चे को 

बच्चों को कड़े अनुशासन में रखना 

बच्चों को अनुशासन में रखना बहुत जरूरी होता है। पर हद से ज्यादा अनुशासन में रखना तो ग़लत ही है। कहा भी तो गया है अति सर्वत्र वर्जिते । अगर आप बात बात पर बच्चे को रोकते टोकते ही रहेंगें तो बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर होता जाता है। बच्चा हर काम को शुरू करने से पहले ही घबराना शुरू कर देता है। बात बात पर वो घबरा जाता है। अपने हर छोटे-बड़े फैसले के लिए वो अपने माता-पिता पर आश्रित रहता है।

वो अपने आप को एक्सप्रेस करना, रिस्क लेना, नये आइडियाज ट्राई करना कभी भी नहीं सीख पाता। वो पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर होने लगता है।

अपने बच्चों की तुलना किसी दूसरे बच्चे करना

जब भी आप अपने बच्चों की किसी दूसरे बच्चे से तुलना करते हैं तो बच्चे का धीरे धीरे खुद पर भरोसा कम होने लगता है। उसे हर नये काम को शुरू करने से डर लगने लगता है 

ऐसा भी हो सकता है कि वो आप से ही चिढ़ने लगे।आप दोनों के संबंधों में दूरीयां आने लगे और वो खुद को नाकारा समझने लगे।

गल्तीयों पर सिखाने की जगह दूसरों के सामने डांटना

अगर आप अपने बच्चों की गलतियों पर उन्हें सिखाने के बजाय, समझाने की जगह डांटते हैं तो उन्हें हर नये काम को शुरू करने से पहले ही डर लगने लगता है कि हमसे कुछ गल्तीयां न हो जाए।ऐसे में वो किसी भी काम को करने से पहले ही डरने लगता है। नये काम को शुरू करने की वो हिम्मत ही नहीं जुटा पाता। बच्चे की किसी काम को करने की इच्छा शक्ति भी कमजोर होने लगती है।

बच्चों को समय न देना, उनकी बातों को ध्यान से न सुनना

अगर आप अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते।आप उन्हें इमोशनल सपोर्ट नहीं दे पाते तो बच्चे अंदर से कमजोर होने लगते हैं। अगर उसके साथ कुछ गलत भी हो रहा है तो वो किसी से बता नहीं पाते और मन ही मन में घुटते रहते हैं। आपके और आपके बच्चे के बीच की अंडरस्टैंडिंग भी कमजोर होने लगती है। भावनात्मक सपोर्ट के लिए वो किसी और पर निर्भर रहना शुरू कर देते हैं और फिर वो इंसान उन्हें अपने फायदे के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आपका बच्चा किसी बुरी आदत का भी शिकार हो सकता है।

बच्चों को पूरी तरह से खुद पर निर्भर कर लेना 

कुछ मां बाप अपने बच्चों को पूरी तरह स्वयं पर निर्भर करते हैं उनका खाना अपने हाथों से खिलाना उनके कपड़े जूते उन्हें खुद पहनाना, बच्चों का क्लास वर्क भी खुद कर देना ऐसा करके उन्हें लगता है कि वह अपने बच्चों को बहुत लाड प्यार कर रहे हैं पर सच में होता इसके विपरित ही है। बच्चे हमेशा आप पर निर्भर करते हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी खुद उठाना नहीं आता। किसी चुनौती के आने पर बच्चे जल्दी घबरा जाते हैं। उन्हें किसी भी काम को करने में डर लगता है हर छोटी बड़ी चीज के लिए वो आप पर डिपेंड होते हैं।

 

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