Saturday, July 12, 2025
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 वैश्विक मंच पर भारत को बड़ी सफलता: क्वाड देशों ने की पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा

 वैश्विक मंच पर भारत को बड़ी सफलता: क्वाड देशों ने की पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा,भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अपनी निर्णायक भूमिका साबित की है। क्वाड (Quad) देशों — भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया — ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। यह भारत के लिए वैश्विक समर्थन का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली कूटनीतिक जीत

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक कायराना आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। यह हमला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी टीआरएफ (The Resistance Front) द्वारा अंजाम दिया गया था।

इस हमले के बाद न केवल देश में आक्रोश का माहौल बना, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी भारत पर टिकी थीं। ऐसे में क्वाड देशों द्वारा एक सुर में इस हमले की निंदा करना भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है।

क्वाड देशों का कड़ा संयुक्त बयान

मंगलवार को क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया:

“हम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की जान गई, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।” बयान में आगे कहा गया कि: “हम आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हैं और आतंकियों, योजनाकारों व फंडिंग करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग करते हैं। हम सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत सहयोग करने का आह्वान करते हैं।”

भारत का कड़ा रुख: ‘ऑपरेशन सिंदूर’

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हमले पर कड़ा बयान देते हुए कहा:

“आतंकवाद और शांति साथ नहीं चल सकते। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकियों को उनकी भाषा में जवाब दिया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षाबलों ने लश्कर और टीआरएफ के कई ठिकानों को नष्ट किया है और यदि आगे भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो भारत पूरी ताकत से जवाब देगा।

क्वाड सम्मेलन 2025: भारत के लिए एक और रणनीतिक सफलता

क्वाड सम्मेलन 2025 में इन चारों देशों ने सिर्फ आतंकवाद ही नहीं, बल्कि अन्य वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी साझा रणनीति बनाने पर जोर दिया। बैठक में लिए गए कुछ प्रमुख निर्णय:

1. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता

  • मुक्त, समावेशी और नियम आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा देने पर सहमति।
  • नौसेना अभ्यास और Marine Domain Awareness (MDA) डेटा साझेदारी को बढ़ावा।

2. तकनीकी और साइबर सुरक्षा में सहयोग

  • AI, 5G/6G, क्वांटम टेक्नोलॉजी में संयुक्त अनुसंधान।
  • साइबर अटैकों से सुरक्षा हेतु रणनीतिक साझेदारी मजबूत करना।

3. जलवायु परिवर्तन और हरित ऊर्जा

  • ग्रीन एनर्जी, सौर ऊर्जा और हाइड्रोजन तकनीक में निवेश।
  • कार्बन न्यूट्रल भविष्य की दिशा में सहयोग।
 आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता
  • HADR फ्रेमवर्क के तहत प्राकृतिक आपदाओं में त्वरित प्रतिक्रिया देने की योजना।

5. आतंकवाद और कट्टरपंथ पर रोक

  • चरमपंथी नेटवर्क, आतंकी फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति पर निगरानी।
  • सूचना साझेदारी को और मजबूत बनाना।

6. स्वास्थ्य और वैक्सीन साझेदारी

  • भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए हेल्थ सिक्योरिटी नेटवर्क का निर्माण।
  • भारत को वैक्सीन निर्माण हब के रूप में स्थापित करने पर पुनः जोर।

7. दक्षिण चीन सागर पर अप्रत्यक्ष चिंता

  • चीन का नाम न लेते हुए उसके आक्रामक रवैये और समुद्री संप्रभुता के उल्लंघन पर चिंता जताई गई।

निष्कर्ष: भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका

पहलगाम हमले के बाद भारत को मिले वैश्विक समर्थन ने यह साबित कर दिया कि अब दुनिया आतंकवाद पर चुप्पी साधने के मूड में नहीं है। क्वाड सम्मेलन 2025 ने यह भी दर्शाया कि भारत केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा, टेक्नोलॉजी, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है

इस मंच पर भारत की स्थिति एक मजबूत, आत्मनिर्भर और भरोसेमंद साझेदार के रूप में और अधिक मजबूत हुई है।

 

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