योग सिर्फ आसन ही नहीं है। योग है तन और मन को स्वस्थ करने की प्रक्रिया और जो अस्वस्थ है उसे भी स्वस्थ करने की प्रक्रिया, हम सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं और इसके लिए हम योग प्राणायाम की तरफ अपनी कदम बढ़ाते हैं। जो लोग अस्वस्थ होते हैं वह मन में सोचते हैं जब हम ठीक हो जाएंगे तब हम योग शुरू करेंगे पर ऐसा नहीं है योग में हर बीमारी का इलाज है अगर आप अस्वस्थ है तब भी आप अपनी बीमारी के इलाज के लिए बताए गए योगासनों को करेंगे तो आप अवश्य स्वस्थ हो जाएगें। आईए जानते हैं कौन से योगासन हमें किस बीमारी में करने चाहिए।
खांसी जुकाम अस्थमा में लाभदायक है प्राणायाम
अगर आपको कफ, बलगम की समस्या रहती है तो प्राणायाम करने से आपके फेफड़े मजबूत होते हैं। जल नेति क्रिया भी एलर्जी और लगातार आने वाली छीकों को रोकने का आसान तरीका है। धनुरासन भी अस्थमा में विशेष लाभदायक होता है।
मोटापा पेट की चर्बी के लिए कारगर है पादहस्तासन और अन्य आसान
अगर आप पेट पर बढती जा रही चर्बी से परेशान है तो योग में इसका भी इलाज है आपको ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन, पाश्र्वकोणासन को करने से विशेष लाभ मिलेगा। कपालभाति प्राणायाम इस अवस्था में विशेष लाभदायक है। मोटापे से राहत पाने के लिए व्रजासन,मंडूकासन, उत्थान मंडूकासन उत्थान कुर्मासनचक्रासन, सर्वांगासन व धनुरासन भी पेट की चर्बी काम करने में मददगार होते हैं।
कमर के दर्द में लाभकारी आसन
कमर और पेट की चर्बी घटाने के लिए कटिचक्रासन, वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पाद उष्ठानासान और वीरभद्रासन भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। मकरासन, भुजंगासन, सुप्तवज्रासन, हलासन कमर के दर्द में लाभकारी आसन हैं ।
मधुमेह की बीमारी को भी जड़ से खत्म करने के लिए योगासन ही है एक मात्र विकल्प
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसका कहते हैं कि कोई इलाज नहीं है। वास्तव में तो इंसुलिन प्रतिरोधकता का इलाज हो भी नहीं सकता लेकिन योग के माध्यम से आप अपनी शुगर को कंट्रोल कर सकते हैंयोग के द्वारा मधुमेह को दूर करने के लिए मंडूकासन कपालभाति प्राणायाम धनुरासन चक्रासन आदि विशेष लाभदायक आसन हैं।
एसिड, डिप्रेशन, हाइपरटेंशन इन सबको दूर करने के लिए भी योग हैं में समाधान
अगर आपका बीपी हमेशा हाईया दो रहता है,आपको एसिड या डिप्रेशन की समस्या है तो आप योगा, भ्रामरी प्राणायाम की मदद से अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
सर दर्द की समस्या का भी इलाज है योग में
अगर आपके सर में दर्द रहता है तो इस माइग्रेन का इलाज भी योग के द्वारा कर सकते हैं। सर दर्द का मुख्य कारण दिमाग में पर्याप्त मात्रा में रक्त का न पहुंच पाना होता है। आपके शरीर में पानी की कमी से भी सर में दर्द की समस्या बनी रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए आपको शीर्षासन, उष्ट्रासन और उज्जायी और भ्रामरी प्राणायाम करने की आवश्यकता होती है।
बालों का झड़ना रुकेगा इन आसानों से
बालों का झड़ना रोकने के लिए करें पहले व्रजासन। व्रजासनकी स्थिति में बैठकर फिर कुर्मासन करें और फिर कुर्मासनके बाद उष्ट्रासन करें और फिर पवनमुक्तासन करें। पवनमुक्तासन के बाद मलयासन करें। अंत मेंकुछ समय बाद शीर्षासन करें। प्राणायाम में अनुलोम विलोम प्राणायाम और शीर्षासन विशेष लाभकारी होते हैं।
किन बीमारियों में ना करें ये आसन
सर्दी-जुकाम की समस्या होने पर शीर्षासन सर्वांगासन चक्रासन नहीं करना चाहिए।
*गठिया के मरीजों को व्रजासन,सुप्तव्रजासन नहीं करना चाहिए।
*पेट रोग के मरीजों को भुजंगासन, हलासन, पश्चिमोत्तानासन नहीं करना चाहिए।
*हृदय रोग वाले मरीजों को चक्रासन, हलासन, सर्वांगासन, सिंहासन विपरीत करनीआसन नहीं करना चाहिए।
*रीड की हड्डी में दर्द, उच्च रक्तचाप गरदन में दर्द वाले व्यक्तियों को पर्वतासन नहीं करना चाहिए।