Saturday, May 10, 2025
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यूक्रेन और अमेरिका में हुआ खनिज समझौता 

यूक्रेन और अमेरिका में कल बुधवार को खनिज समझौते पर हस्ताक्षर हो ही गए। इस समझौते के अंतर्गत जहां अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधन मिलेंगे वहीं अमेरिका यूक्रेन के पुनर्निर्माण में सहयोग करेगा। इस समझौते के अंतर्गत यूक्रेन केरिडेवलपमेंट व रिकंस्ट्रक्शन के लिए एक जॉइंट इन्वेस्टमेंट फंड बनाया जाएगा।

बुधवार को वॉशिंगटन डीसी में हुआ अमेरिका यूक्रेन के बीच खनिज समझौता 

अमेरिका व यूक्रेन में काफी लंबे समय से इस समझौते को लेकर विचार विमर्श चल रहा था। फरवरी में जेलेस्की इस डील को साइन करने के लिए अमेरिका गए थे लेकिन उन दोनों के बीच एक वैचारिक मतभेद होने के कारण यह डील कैंसिल हो गई थी। और अब कल बुधवार 30 अप्रैल को आखिरकार दोनों देशों के द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए गए।

बुधवार को हुआ अमेरिका यूक्रेन का खनिज समझौता फाइनल 

काफी लंबे समय से चली रही खींचतान का आखिरकार कल बुधवार को अंत हो गया। कल बुधवार को अमेरिका व यूक्रेन का खनिज समझौता हो गया। जिसमें अमेरिका व यूक्रेन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस समझौते के बाद अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधनों का लाभ मिलेगा और अमेरिका यूक्रेन को पुनः निर्माण में सहयोग करेगा। हालांकि अभी अमेरिका ने अपनी तरफ से स्थिति साफ नहीं की है कि अमेरिका किस प्रकार की और कितनी मदद करेगा।

अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद देगा या नहीं इस बात की भी इस समझौते में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस समझौते में अमेरिका की तरफ सेकिसी सिक्योरिटी मदद की कोई पक्की गारंटी भी अभी तक नहीं मिली है। 

यूक्रेन के पास हैं विश्व के पांच प्रतिशत दुर्लभ खनिज तत्व 

यूक्रेन के पास पूरे विश्व के कच्चे माल का लगभग 5%दुर्लभ खनिज पदार्थ हैं।रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध से पहले यूक्रेन ग्लोबल टाइटेनियम उत्पादन में विश्व की 7% भागीदारी रखता था। यूक्रेन के पास पूरेयूरोप का 33% लिथियम भंडार है। 19 मिलियन ग्रेफाइट यूक्रेन के पास मौजूद हैं।

ज्वाइंट इन्वेस्टमेंट फंड में निवेश करेंगे दोनों देश

यूक्रेन इस फंड में अपनी नेचुरलरिसोर्सेस से इस्तेमाल होने वाली कमाई का 50% हिस्सा देगा। अमेरिका इस फंड को सीधे या फिर मिलिट्री मदद की तरफ से योगदान देगा। यूक्रेन की इकोनॉमी मिनिस्टर ने बताया कि फंड के सारे पैसे पहले 10 साल में यूक्रेन के डेवलपमेंट में लगेंगे और बाद में दोनों पार्टनर के बीच में बांटे जाएंगे।

यूक्रेन की मिनिस्ट्री के ऑफिसर्स ने बताया कि अमेरिका यूक्रेन के फंड के फैसले में बराबर की हिस्सेदारी होगी। साथ ही साथ ऑफिसर्स ने कहा कि अमेरिका ने भविष्य की अमेरिकी मिलिट्री मदद देने के लिए ही इस समझौते को किया है पहले दीजा चुकी मदद को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

क्या कहना है यूक्रेन के प्रधानमंत्रीका इस डील के बारे में 

यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट की इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि इस समझौते के अंतर्गत जो भी इन्वेस्टमेंट फंड बनाया जाएगा उस पर दोनों देशों के बराबर के वोटिंग राइट्स होंगे। यूक्रेन अपनी जमीन के अंदर मौजूद संसाधनों, इंफ्रास्ट्रक्चर और नेचुरल रिसोर्सेस पर पूरा कंट्रोल बनाए रखेगा।

यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने लिखा कि इन्वेस्टमेंट फंड से होने वाला मुनाफा दोबारा से यूक्रेन में ही लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समझौते की मदद से हमरिबिल्डिंग के लिए बड़े पैमाने पर रिसोर्सेस ला पाएंगे। हम इकोनामिक ग्रोथ शुरू कर सकेंगे और अमेरिका जैसे स्ट्रेटजिक पार्टनर से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भी हासिल कर पाएंगे।

 क्या डोनाल्ड ट्रंप इस डील के जरिए रूस और यूक्रेन में शांति स्थापित करवाना चाहते हैं? 

डोनाल्ड ट्रंप काफी लंबे समय से यूक्रेन पर इस समझौते के लिए दबाव बना रहे थे। अमेरिकीप्रशासन का कहना है कि इस समझौते के द्वारा रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा 3 साल का युद्ध खत्म करने के लिए शांति समझौता कराने का प्रयास किया जाएगा।

 

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